हिमाचल में यूपीए सरकार के समय मंजूर एम्स प्रोजेक्ट को लेकर मोदी और जयराम सरकार कांग्रेस के निशाने पर है। लंबे समय बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने 3 अक्टूबर 2017 को बिलासपुर जिले के कोठीपुरा में इसका शिलान्यास किया था। पीएम ने 48 महीने में इसके तैयार होने की घोषणा स्पोर्ट्स इंडोर स्टेडियम बिलासपुर में की थी। मगर अभी तक मात्र 19 करोड़ रुपये की चारदीवारी का ही काम चल रहा है। एम्स निर्माण की धीमी गति को लेकर कांग्रेस के प्रदेश महासचिव व विधायक रामलाल ठाकुर और महासचिव नरेश चौहान ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा पर तीखा हमला बोला है। ठाकुर व चौहान ने कहा कि बीजेपी सरकार व मंत्रियों की स्थिति थोथा चना बाजे घना वाली है।
1351 करोड़ रुपये के एम्स प्रोजेक्ट को पीएम ने बिलासपुर के मंच से 48 महीने में पूरा करने की डेडलाइन तय की थी। पीएम स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत एम्स का निर्माण होना था। मगर हैरत की बात है कि पूर्व कांग्रेस सरकार के समय 1205 बीघा भूमि 2015 में एम्स के नाम करने के बावजूद निर्माण कार्य गति नहीं पकड़ पाया है। 116 बीघा में अभी तक एनिमल हसबैंडरी विभाग का फॉर्म चल रहा है। 426 बीघा भूमि फारेस्ट की है। जिसकी क्लियरेंस के लिए प्रक्रिया ही शुरू नहीं की गई है। राज्य व केंद्र में बीजेपी सरकार होने के बावजूद निर्माण कार्य में इतनी सुस्ती हैरान करने वाली है और वह भी स्वास्थ्य मंत्री नड्डा के घर में।
ठाकुर व चौहान ने कहा कि जनता को एम्स से बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन निर्माण कार्य कछुआ चाल से चलने के कारण लोगों को प्रदेश में ही अच्छे इलाज के लिए अभी बरसों इंतजार करना पड़ सकता है। 750 बेड का अस्पताल, सौ सीटों का मेडिकल कॉलेज, 60 सीटों सहित नर्सिंग कॉलेज, 20 सुपर स्पेशियलिटी विभाग, 15 ओटी सहित अन्य अहम सुविधाओं के शुरू होने का तो कोई अता-पता ही नहीं है।
उन्होंने कहा कि नड्डा-दिल्ली व चंडीगढ़ में बैठकर एम्स के बारे में बातें करने की बजाए मौके पर आकर स्थिति का जायजा लें और निर्माण कार्य तेज़ कराएं। चूंकि, अभी तक एम्स भी मोदी सरकार का जुमला ही बना हुआ है। इसके शुरू होने में देरी से लोगों की उम्मीदों पर कुठाराघात हो रहा है। ठाकुर व चौहान ने कहा कि मोदी की घोषणा अनुसार अभी तक लगभग 800 करोड़ रुपये खर्च हो जाने चाहिए थे। वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने मोदी व जयराम सरकार को जुमलेबाजी छोड़कर जल्दी एम्स को सिरे चढ़ाने की नसीहत दी है।