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इस तरह होता है मिंजर मेले का समापन, CM ने निभाई हर ‘रस्म’

समाचार फर्स्ट डेस्क |

चंबा के प्रसिद्ध अन्तरराष्ट्रीय मिंजर मेले का धूमधाम के साथ समापन हुआ। बीते रविवार को समापन समारोह में शोभा यात्रा अखंड चांदी पैलेस से आरम्भ हुई और रावी नदी के तट पर मंजरी गार्डन में पारम्परिक तरीके से मिंजर (सुनहरी रेशमी गुच्छे) के विसर्जन के साथ सम्पन्न हुई। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शोभा यात्रा का नेतृत्व किया और मिंजर का विधिवत रूप से समापन किया।

क्या है प्रक्रिया…??

इस त्योहार की अति महत्वपूर्ण रस्म है, जिससे पहले रघुनाथ मंदिर जो कि चंबा के राजा के अखण्ड चण्डी महल में स्थित है। महल से भव्य शोभा यात्रा निकाली जाती है। रघुवीर एवं अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों की सुसज्जित पालकियों को पारम्परिक रीति-रिवाज के साथ महल से विसर्जन स्थल तक लाया जाता है। जिसमें पारम्परिक वेशभूषा में हजारों की संख्या में श्रद्धालु एवं लोग शामिल होते हैं।

उत्सव के मुख्य अतिथि सुसज्जित मंच से मंत्रोच्चारण के बीच मिंजर, एक रुपया, नारियल, दूब और फूल को नदी में प्रवाह कर इन्हें वर्षा देवता को अर्पित करते हैं। इस समारोह के साथ मिंजर मेला समाप्त हो जाता है और देवी-देवताओं की प्रतिमाएं एवं शाही ध्वज को वापस अखण्ड चण्डी महल में लाया जाता है। मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। मेले में प्रदेश तथा अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में आए कलाकारों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा खेल प्रतियोगिताएं इस उत्सव के मुख्य आकर्षण होते हैं।