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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आरके धवन का निधन, कभी ‘इमरजेंसी’ को बताया था जरूरी

समाचार फर्स्ट डेस्क |

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आरके धवन का निधन हो गया है। सोमवार को उनकी तबीयत बेहद ख़राब हो गई थी। दिल्ली स्थित अस्पताल में इलाज के दौरान उनका देहात हो गया। धवन 81 साल के थे और उनकी गिनती कांग्रेस के प्रभावशाली नेताओं में होती थी। काफी अर्से तक वह 'कांग्रेस वर्किंग कमेटी' के सदस्य भी रहे थे।

आरके धवन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पर्सनल सेक्रेटरी रहे थे और गांधी परिवार के बेहद ख़ास विश्वसनीय लोगों में से थे। इंदिरा कार्यकाल में इनका रसूख पार्टी और सरकार में काफी अधिका था। 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हुई हत्या के भी धवन गवाह रहे हैं। 70 और 80 के दशक में आरके धवन की सरकार और कांग्रेस में काफी ज्यादा प्रभाव रहता था।

आरके धवन का व्यक्तिगत जीवन

गांधी परिवार के बेहद क़राबी रहे आरके धवन का जन्म 1937 में आज के पाकिस्तान में हुआ था। बंटवारे के बाद इनका परिवार हिंदुस्तान आ गया। शुरुआती दौर से ही धवन कांग्रेस के साथ जुड़े रहे। वह इंदिरा गांधी के निजी सचिव भी रहे। इमरजेंसी के दौरान प्रधानमंत्री के बाद उन्हें अहम शख्सियत के तौर पर देखा जाता था। तब राजनेता लगातार उनसे मिलने के लिए सिफारिशें लगवाते थे। व्यक्तिगत जीवन में उन्होंने उम्र के आखिरी पड़ाव में अपनी पुरानी दोस्त अचला से विवाह किया था। उस दौरान उनकी उम्र 74 और अचला की 59 साल थी। देर से शादी करने के बार में पूछे गए एक सवाल के जवाब में आरके धवन ने कहा था कि वह गांधी परिवार और पार्टी की सेवा में इतने व्यस्त रहे कि विवाह के लिए ध्यान ही नहीं दिया।

इमरजेंसी पर इंदिरा का करते रहे हैं बचाव

आरके धवन अक्सर मीडिया में इमरजेंसी को लेकर टिका-टिप्पणी पर इंदिरा गांधी का बचाव करते रहे हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में आपातकाल को देश के लिए जरूरी बताया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि तत्कालीन परिस्थिति में इसका अलावा और कोई कारगर उपाय नहीं था। उन्होंने अक्सर कई मंचों से आपातकाल को तत्कालीन वक़्त की जरूरत और सही करार दिया था।