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तमिल राजनीति के स्टॉल्वार्ट करुणानिधि का निधन, 6 दशक में नहीं हारे एक भी चुनाव

समाचार फर्स्ट डेस्क |

तमिलनाडु के पांच बार मुख्यमंत्री रहे डीएमके प्रेजिडेंट एम. करुणानिधि का मंगलवार शाम चेन्नै के कावेरी हॉस्पिटल में निधन हो गया। 94 साल के करुणानिधि काफी वक्त से बीमार चल रहे थे। द्रविड़ आदोंलन की उपज मुथुवेल करुणानिधि करीब 6 दशकों तक तमिल राजनीति का केंद्र बने रहे। 5 दशकों तक वह अपनी पार्टी डीएमके का अध्यक्ष रहे।

सियासत के अलावा करुणानिधि की पहचान तमिल लेखक के तौर पर थी। उन्होंने कई किताबें, उपन्यास, नाटक और तमिल सिनेमा के लिए डायलॉग भी लिखे। तमिल सिनेमा से राजनीति में कदम रखने वाले करुणानिधि करीब 6 दशकों के राजनीतिक जीवन में एक भी चुनाव में नहीं हारे। उनके समर्थक उन्हें प्यार से 'कलाईनार' मलब कला का विद्वान कहते थे।

तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और दूसरी गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे। ब्लडप्रेशर में गिरावट के बाद उन्हें शनिवार रात चैन्नै के कावेरी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। 

पीठ और पैरों में दर्द के कारण वर्ष 2009 में उनकी सर्जरी हुई थी। दिसंबर 2016 में उनकी श्‍वासनली का ऑपरेशन हुआ था ताकि वह अच्‍छे से सांस ले सकें। उनके पेट के अंदर एक ट्यूब भी डाली गई थी ताकि पोषक खाद्य पदार्थ और दवाएं सीधे उनके पेट में डाली जा सकें। पिछले एक साल से वह घर से बहुत कम निकल रहे थे और लोगों से उनका मिलना-जुलना कम हो गया था।

करुणानिधि के निधन पर बीजेपी, कांग्रेस समेत सभी दलों के नेताओं ने शोक जाहिर किया है।