हिमाचल हाईकोर्ट ने भाखड़ा बांध विस्थापितों के खिलाफ कथित अवैध कब्जों पर होने वाली कार्रवाई पर फिलहाल रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने राजेंद्र कुमार द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किए। सरकार को उक्त मामले में जवाब शपथ पत्र दाखिल करने के लिए आठ सप्ताह का समय दिया है। मामले की सुनवाई आठ सप्ताह के बाद होगी।
प्रार्थी ने अपनी याचिका में कहा है कि भाखड़ा बांध को बनाने के लिए राज्य सरकार ने उनकी भूमि का अधिग्रहण किया था। साल 1958 में प्रार्थी के पिता को भाखड़ा बांध के विस्थापित होने के कारण एक प्लॉट आवंटित किया गया था।
प्रार्थी के पिता ने उसके साथ लगती जमीन को भी रोजमर्रा के उपयोग में ले लिया और उस जमीन पर स्थित मकान व दुकान को नियमित करने बाबत विस्थापितों के लिए बनाई विशेष नियमितीकरण नीति के तहत आवेदन दिया। अब राज्य सरकार द्वारा उस हिस्से को नियमित करने की बजाय उन्हें उस जगह से हटाने के नोटिस जारी कर दिए हैं। जबकि यह नीति भाखड़ा बांध विस्थापितों के हित को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। ऐसा करने से पूर्व प्रार्थी को सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया जबकि वह विस्थापितों के लिए बनाई नीति के तहत आवेदन करने का हक रखता था।