बाढ़ और बारिश से केरल में हाहाकार मचा हुआ है। भीषण बाढ़ के चलते आधे से ज्यादा केरल डूब चुका है। केरल में बाढ़ और बारिश से अब तक 29 लोगों की जान जा चुकी है और 54 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो गए है। इसमें 25 लोगों की मौत भूस्खलन से हुई जबकि चार अन्य डूब गए। राज्य के 24 बांधों को खोल दिया गया। इडुक्की बांध बारिश की वजह से भर गया है। 26 साल बाद इसका गेट खोला गया। इससे पहले इदामालयार बांध के चार गेट खोले गए। इससे 600 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इसका जलस्तर क्षमता (169 मीटर) से करीब एक मीटर ज्यादा हो गया था।
केरल के 14 में से सात जिलों में सेना की पांच टुकडि़यों को राहत कार्य के लिए तैनात किया गया है। यह बाढ़ग्रस्त लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के अलावा अस्थाई पुल भी बनाएगी। इडुक्की, कन्नूर, कोझीकोड, पनामारम, वायनाड और मलप्पुरम जिलों में राहत और बचाव के लिए सेना की 8 टुकड़ियां तैनात की गई हैं। कई जगहों पर सड़कें धंस जाने के कारण पर्यटकों को पर्वतीय इडुक्की जिले में दाखिल होने से रोका गया। कोझिकोड और वायनाड में विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए थलसेना के जवान छोटे-छोटे पुल बना रहे हैं।
राज्य सरकार के अधिकारियों के मुताबिक 53,501 बेघर लोगों को अब राज्य भर में 439 राहत शिविरों में रखा गया है। केंद्रीय मंत्री के.जे अल्फॉंस ने कहा कि उन्होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ केरल में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। राजनाथ ने विजयन से भी बात की और वह रविवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल मुख्यमंत्री विजयन से बात की थी और प्रभावितों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया था।