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आफत की बारिश में 16 की मौत, 24 घंटे में इतने करोड़ पानी में बहे

पी. चंद, शिमला |

हिमाचल प्रदेश में आसमान से आफ़त का क़हर जारी है। पिछले 24 घंटों में हुई भारी बारिश में 16 लोगों की जाने जा चुकी हैं। राज्य के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्राकृतिक आपदा में मारे गए लोगों के प्रति शोक जाहिर किया है। उन्होंने बताया कि उनके पास मृतकों का औपचारिक आंकड़ा 16 है।

इसके अलावा प्रदेश में भारी स्तर पर आर्थिक नुकसान की ख़बर है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जानकारी दी है कि अभी तक बारिश में तकरीबन 775 करोड़ रुपये का कुल नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में हुई जान-माल की क्षति के बाद युद्ध स्तर पर बचाव कार्य जारी है। साथ ही साथ प्रदेश की तमाम बाधित सड़कों को भी फौरी तर पर खोलने का काम चल रहा है।

96 करोड़ रुपये की राशि जारी

प्रदेश में जो जान-माल की क्षति पहुंची है। उसमें फौरी राहत के तौर पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 96 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी है। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा नुकसान सड़कों को पहुंचा है। लिहाजा, उन्हें ठीक करने काम चल रहा है। प्रदेश में तकरीबन सभी एनएच पर यातायात बाधित है। शिमला-कालका और पठानकोट मंडी पर भी यातायात ठीक ढंग से चालू नहीं हो पाया है।

 

6 नेशनल हाईवे समेत 923 सड़कें बाधित

 

प्रदेश में 6 नेशनल हाईवेज बुरी तरह बाधित हैं। इनके अलावा हिमाचल के भीतरी कस्बों और गावों को जोड़ने वाले कुल 923 सड़कों पर यातयात बाधित हुआ है। फिलहाल प्रशासन की तरफ से तत्काल रूप से जिन सड़कों को सही किया जा सकता है उन्हें ठीक करने का काम चल रहा है।

17 अगस्त तक जारी रहेगी बारिश

मुख्यमंत्री ने मौसम विभाग के हवाले से जानकारी दी है कि अभी बारिश का कहर 17 अगस्त तक जारी रह सकता है। ऐसे में प्रदेश को काफी क्षति पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में केंद्र को भी पहले ही सूचित किया जा चुका है। साथ ही बीते 24 घंटे में हुए नुकसान की भी जानकारी दी गई है।

घरों से निकलने से बचें: मुख्यमंत्री

प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लोगों से अपील की है कि वो अपने घरों से निकलने से बचें। साथ ही जिन रास्तों में दिक्कत हैं, उन रास्तों पर यात्रियों को सचेत करें। उन्होंने कहा है कि इस आपात घड़ी में लोग सूझ-बूझ से काम लें। जितना हो सके यात्रा करने से बचें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सबसे ज्यादा क्षति मार्गों को पहुंची है। लिहाजा, उन्हें ठीक करने का काम चल रहा है।