नाम बड़े और दर्शन छोटे वाली कहावत हमीरपुर मैडिकल कॉलेज पर सटीक बैठती है। बेशक हमीरपुर क्षेत्रीय अस्पताल को मेडिकल कॉलेज का दर्जा मिल गया हो लेकिन सुविधाओं के लिए मरीजों को अब भी दर-दर भटकना पड़ रहा है। जिससे मेडिकल कॉलेज के नाम पर मरीजों से छल किया जा रहा है।
हमीरपुर के राधा कृष्णन मेडिकल कॉलेज वर्ष 2018 में शुभारंभ हुआ था पर अब तक न तो इसमें क्लासिस बैठ पाई हैं न मरीजों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं। यहां पर मरीजों के लिए बेड्स तक नहीं मिल पा रहे हैं। जिससे मरीज और परिजन बहुत परेशान हैं। इसके लिए मरीजों के परिजनों ने अस्पताल प्रसाशन से गुहार लगाई है की इस व्यवस्था में सुधार किया जाए।
हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में एक व्यक्ति सतीश कुमार अपने परिजनों को लेकर आया है और उनको दाखिल भी कर लिया है पर 4 दिन बीत जाने के बाद भी मरीज को बेड नहीं मिला। यहां तक की मरीज को बाहर बैठे-बैठे ही ग्लूकोज चढ़ाया जा रहा है।
सतीश ने कहा की यहां पर डॉ. न ही मरीज को चेक करने के लिए आ रहे हैं और ना ही अस्पताल के कर्मचारियों का व्यवहार अच्छा है। साथ में अस्पताल में 82 डॉ. होने के बावजूद भी कमरे में एक ही डॉ. बैठ रहा है जिससे मरीजों को बहुत परेशानी हो रही है।