मार्च 2017 में तीन साल का अनुबंध सेवाकाल पूरा कर नियमित हुए करीब 300 जेबीटी से आठ से दस हजार रुपये की रिकवरी होगी। नियमित होने पर निदेशालय की ओर से गलत पे फिक्सेशन के चलते सैकड़ों शिक्षकों को निर्धारित से अधिक तनख्वाह दे दी गई है। निदेशालय के मुताबिक मार्च 2017 में तीन साल का अनुबंध सेवाकाल पूरा करने पर करीब 1100 जेबीटी नियमित हुए थे। अब मामला सामने आने पर निदेशालय ने इन शिक्षकों से रिकवरी के आदेश जारी किए हैं।अक्तूबर 2012 के बाद अनुबंध पर नियुक्त जेबीटी को मार्च 2017 में नियमित होने पर 5910 का पे स्केल और 3000 रुपये का ग्रेड पे दिया जाना था।
वहीं, प्रदेश के कुछ ब्लाकों में निदेशालय के स्टाफ की गलती के चलते इन्हें 8470 का पे स्केल और 3000 रुपये का ग्रेड पे से वेतन जारी कर दिया गया था।अप्रैल से जुलाई तक निदेशालय की ओर से इन शिक्षकों को प्रतिमाह आठ से दस हजार रुपये का अधिक वेतन दिया गया। इसी कैडर के अन्य शिक्षकों जिन्हें कम वेतन मिल रहा था, उन्होंने मामले की शिकायत निदेशालय के अफसरों से की।
निदेशालय की ओर से की गई जांच में पाया गया कि छौहारा, रोहड़ू, मशोबरा, कसुम्पटी, सुन्नी और शिमला ब्लॉक में जेबीटी को तय से अधिक वेतन दिया गया। अनियमितताएं सामने आने के बाद निदेशालय ने शुक्रवार को प्रदेश के सभी जिला उपनिदेशकों को पत्र जारी कर नियमित हुए जेबीटी के पे फिक्सेशन का सारा रिकॉर्ड तलब कर लिया है।