मुख्यमंत्री के बयान के बाद पनपे गद्दी विवाद पर कार्रवाई के लिए एसटी आयोग ने धर्मशाला में डेरा डाल लिया है। शनिवार को आयोग के चेयरमैन नंद लाल सहाय ने मुख्य सचिव, गृह सचिव और डीजीपी को धर्मशाला तलब किया है और वह इस मामले को लेकर उनके साथ बैठक करेंगे। इससे पहले आयोग ने उन लोगों से भी मुलाकात की थी जो कि लाठीचार्ज का शिकार हुए थे।
शुक्रवार को आयोग के चेयरमैन नंद लाल सहाय ने गद्दी समुदाय पर हुए लाठीचार्ज को पहले नियोजित करार दिया है। सहाय ने कहा कि नियमों के अनुसार, भीड़ पर पहले पानी से प्रहार किया जाता है उसके बाद आंसू गैस का प्रयोग किया जाता है। इसके बाद भी भीड़ ना माने तो आखिर में पुलिस पीछे से उनकी लातों पर प्रहार करती है। लेकिन, यहां ऐसा कुछ नहीं हुआ यह सिर्फ धड़ाधड़ लाठियां बरसाई गई जो कि पहले से सुनियोजित था।
वहीं, आयोग के अध्यक्ष ने चेतावनी दी थी कि निहत्थे लोगों पर प्रहार करने के लिए जिसनें भी आदेश दिए होंगे उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एसटी आयोग की जांच लगती है राजनीतिक: सीएम
इस मामले में सीएम ने कहा कि उनके समक्ष गलत तस्वीर पेश की गई। नड्डी में प्रदर्शनकारियों को सड़क पर न तो रोकने की कोशिश की गई न ही उनपर कोई लाठीचार्ज हुआ है। अब उनके सिर कहां फटे, यह मैं नहीं जानता हूं। एसटी कमीशन की जांच में सरकार पूरा सहयोग करेगी। लेकिन, बीजेपी एसटी मोर्चा के वाइस चेयरमैन त्रिलोक कपूर हैं। वह ही हल्ला मचाकर आयोग को यहां लाए हैं। यह जांच राजनीतिक लगती है। आयोग पूरे भारत का है। हमें उम्मीद है सच्चाई सामने आएगी।
भरमौरी से मिलने को किया इंकार
शुक्रवार देर शाम वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी जब एसटी आयोग के अध्यक्ष से मिलने के लिए सर्किट हाउस गए तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया। इसके बाद भरमौरी सर्किट हाउस के बाहर ही नारेबाजी शुरू कर दी और एसटी आयोग की जांच को बीजेपी का षड़यंत्र करार दिया। बता दें कि कमीशन की धर्मशाला में स्वागत की जिम्मेदारी भरमौरी को सौंपी गई थी, लेकिन वह वहां मौजूद नहीं रहे।