हिमाचल विधानसभा के मॉनसून सत्र का पांचवा दिन बेहद शांतिपूर्ण तरीके से बीता। प्रश्नकाल के बाद मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने पर्यटन नीति पर चर्चा का जबाब दिया। दोपहर बाद सीपीआईएम के विधायक राकेश सिंघा ने नियम 62 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में कमीशन एजेंटो द्वारा सेब बागवानों को लूटने का मामला उठाया।
सिंघा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में सेब कमाई का मुख्य साधन है। लेकिंन आज बागवानों को कमीशन के नाम पर लूटा जा रहा है। 2005 में हिमाचल के किसानों को लूट से बचाने के लिए कानून भी बनाया गया। बाबजूद इसके बागवानों की लूट जारी है। बागवानों का सेब भार के मुताबिक नही बिक रहा है। बागवानों से मनमर्जी कर आढ़ती निर्धारित दर से कम पैसा दे रहे हैं। मार्केटिंग के नाम पर शोघी परवाणू में बागवानों को ठगा जा रहा है। सिंघा ने कहा कि एचपीएमसी बागवानों से सेब खरीदकर पैसा लटकाने का काम करती है।
जबाब में कृषि मन्त्री राम लाल मार्कण्डेय ने माना कि मार्केटिंग यार्ड किन्नौर और शिमला में इस तरह की लूट है। हालांकि, इसमें 5 रुपए देने का प्रावधान रखा गया है। लेकिन पांच की जगह 20 से 30 रुपये लिए जा रहे है। आढ़ती भी कई बार बागवानों से मिलकर पेटी के भार में गड़बड़ करते हैं। बिल कम दिया जाता है, जबकि पेटी का वेट ज्यादा होता है।
कृषि मंत्री ने कहा कि इस संदर्भ में उन्हें भी अनेकों शिकायतें मिली है। इस संदर्भ में विभाग सख़्त कदम उठा रहा है। अब सब्ज़ी मंडियों में लूट पर नकेल कसी जा रही है। ताकि बागवानों को किसी तरह की समस्याओं का सामना न करना पड़े।