बीते साल गुड़िया रेप और मर्डर मामले में आरोपी सूरज की लॉकअप में हत्या से गुस्साए लोगों ने 19 जुलाई को कोटखाई थाने में आग लगा दी और पथराव किया था। इस मामले में सीआईडी ने 48 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की है और अब इन लोगों पर कोर्ट में मुकद्दमा चलेगा।
जांच एजेंसी ने भीड़ में से इन आरोपितों की पहचान की है। भीड़ ने डीएसपी चौपाल, नेरवा और चौपाल थाने की तीन बोलेरो गाड़ियों और थाने के रिकॉर्ड को आग के हवाले कर दिया था। पथराव से दो पुलिस जवानों को चोटे पहुंची थीं। इससे पुलिस को 30 लाख का नुकसान हुआ था।
मंगलवार को विधानसभा में किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री की ओर से लिखित जवाब दिया गया। इसमें तब की प्राथमिकी की प्रतिलिपि भी संलग्न की गई है। इसके मुताबिक प्राथमिकी चौपाल के डीएसपी संतोष शर्मा ने दर्ज करवाई। इसमें कहा गया कि शिमला के तत्कालीन एएसपी भजनदेव नेगी, रोहड़ू के डीएसपी मदनकांत शर्मा भी अन्य पुलिस कर्मियों के साथ मौजूद थे।
उस दौरान 100 से 120 लोगों ने थाने का घेराव किया। इसके बाद पथराव हुआ और पुलिस के रिकॉर्ड और मालखाने को आग के हवाले किया गया। तीन गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया। इसमें भी आग लगाई गई। गत वर्ष 18 जुलाई की आधी रात को थाने में आरोपित सूरज सिंह की मौत हो गई थी। कोटखाई में छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में सूरज आरोपित था। इससे स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए। उनका आरोप था कि पुलिस ने सूरज की हत्या की है। लोग सूरज को आरोपित नहीं मान रहे थे।
सीबीआइ जांच से सूरज की हत्या का सच सामने आया। जांच के बाद इस केस में पूर्व आइजी जेड एच जैदी, डीएसपी मनोज समेत आठ पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को गत वर्ष 29 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। नवंबर में शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी भी गिरफ्तार हुए। इनकी अब तक जमानत नहीं हो पाई है।