हिमाचल के उच्च शिक्षण संस्थानों में ओबीसी छात्रों को जनसंख्या के आधार पर आरक्षण मिल सकता है। जयराम सरकार इस संदर्भ में जल्द ही पॉलिसी में बदलाव करने जा रही है। शिक्षा विभाग ने इसका प्रस्ताव सामाजिक न्याय एवं अधिकाारिता विभाग को भेजा है। सरकार की तरफ से जो आदेश होंगे, उसके तहत ओबीसी छात्रों को एडमिशन से लेकर नौकरियों में रिजर्वेशन की व्यवस्था लागू की जाएगी।
उच्च शिक्षण संस्थानों में जनसंख्या के आधार पर ओबीसी को आरक्षण दिए जाने की बात शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने विधानसभा में बताई। विधायक रमेश ध्वाला के सवाल के जवाब में भारद्वाज ने कहा कि अभी प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में ओबीसी छात्रों को रिजर्वेशन अलग-अलग है। एचपीयू में कुछेक कोर्सेज में 15 फीसदी, टेक्निकल यूनिवर्सिटी में 18 फीसदी, जबकि सेंट्रल यूनिवर्सिटी में 27 फीसदी है।
ओबीसी के मुद्दे पर जब ध्वाला बोल रहे थे तो सदन में ठहाके भी लगे। ध्वाला ने कहा कि ओबीसी प्रजाति विलुप्त हो रही है। इस पर सदन हंस पड़ा। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि ओबीसी मेहनती समुदाय है, यह विलुप्त नहीं होगा।
सदन में ध्वाला ने ओबीसी से संबंध रखने वाले छात्रों को वरिष्ठ सेवा वाले क्षेत्रों में नहीं पहुंचने पर दुख जाहिर किया। ध्वाला ने कहा कि ओबीसी समुदाय से नर्स और मास्टर तो बन रहे हैं, लेकिन डॉक्टर नहीं बन पा रहे हैं। उन्होंने उन्होंने सरकार से मेडिकल कॉलेजों में रिर्जवेशन देने की मांग उठाई।