कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 31 अगस्त को 15 दिवसीय कैलाश मानसरोवर यात्रा पर निकलेंगे। गौरलतब है कि राहुल ने खुद को शिवभक्त बताते हुए कहा था कि कर्नाटक चुनाव के बाद कैलाश यात्रा पर जाएंगे और उसी वादा को पूरा करने के लिए अब राहुल यात्रा पर निकल रहे हैं लेकिन यहां एक बात ध्यान देने योग्य है और वो ये कि राहुल गांधी कैलाश मानसरोवर की यात्रा नेपाल के रास्ते नहीं बल्कि चीन के रास्ते से करेंगे।
चुनावी सभा के दौरान किया था ऐलान
अप्रैल 2018 में एक चुनावी सभा के दौरान राहुल गांधी ने कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने का ऐलान किया था। कांग्रेस की जन आक्रोश रैली में राहुल गांधी ने कहा था कि पिछले दिनों उनका जहाज हादसे से बच गया, इसलिए कर्नाटक चुनाव के बाद वो छुट्टी ले रहें हैं। छुट्टी लेकर वो कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाएंगे। कैलाश मानसरोवर की यात्रा को राहुल गांधी और कांग्रेस के सॉफ्ट हिंदुत्व की ओर झुकाव के तौर पर देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि बीजेपी के हिंदुत्व के कार्ड का ये जवाब है। गुजरात चुनाव के दौरान भी कांग्रेस की तरफ से कहा गया था कि राहुल गांधी सच्चे शिवभक्त है। एक शिवभक्त के लिए कैलाश मानसरोवर की यात्रा सबसे प्रमुख यात्रा मानी जाती है।
क्या है इस यात्रा का महत्व
मानसरोवर वह पवित्र जगह है, जिसे शिव का धाम माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि मानसरोवर के पास स्थित कैलाश पर्वत पर भगवान शिव साक्षात विराजमान हैं। मानसरोवर शब्द मानस और सरोवर को मिलाकर बना है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है- मन का सरोवर।