शनिवार यानि की आज 1 सितंबर से आपके जीवन पर असर डालने वाली कई चीजें बदलने वाली हैं। अब आपको IRCTC के ट्रैवल इंश्योरेंस के लिए प्रीमियम देना होगा। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के आदेश से थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के नियम भी बदल गए हैं। 1 सितंबर से आयकर विभाग के इनकम टैक्स रिटर्न से जुड़े नए प्रावधान भी लागू होंगे। इसके अलावा पोस्ट ऑफिस भी एक बेहतरीन नई सेवा शुरू करने जा रहा है।
इसके तहत 31 दिसंबर तक देश के सभी 1.55 लाख पोस्ट ऑफिस IPPB के सिस्टम से जुड़ जाएंगे। आईआईपीबी अपने खाताधारकों को भुगतान बैंक के साथ-साथ चालू खाता, धन हस्तांतरण, प्रत्यक्ष धन अंतरण, बिलों के भुगतान इत्यादि की सेवाएं भी उपलब्ध कराएगा। देश भर में इसके एटीएम और माइक्रो एटीएम भी काम करेंगे। साथ ही मोबाइल बैंकिंग एप, एसएमएस और आईवीआर जैसी सुविधाओं के माध्यम से भी बैंकिंग सेवाएं लोगों तक पहुंचाएगा। आईआईपीबी इस क्षेत्र में पहले से मौजूद पेटीएम पेमेंट्स बैंक, एयरटेल पेमेंट्स बैंक इत्यादि को चुनौती देगा।
IRCTC का ट्रैवल इंश्योरेंस
अगर आप IRCTC के जरिये टिकट बुक कर रहे हैं तो ट्रैवल इंश्योरेंस के लिये अब प्रीमियम जमा करना होगा। इसके लिये एक रुपये तक का प्रीमियम देना पड़ सकता है। इसके लिये बस आपको एक क्लिक करना होगा। हालांकि यह यात्री पर निर्भर करेगा कि वह इस सुविधा को लेना चाहता है या नहीं। अगर यात्री ने इंश्योरेंस लिया है और यात्रा के दौरान दुर्घटना में यदि यात्री की मौत होती है, तो बीमा के तहत उसको 10 लाख रुपये तक दिया जाएगा। शरीर के अंग खराब होने पर 7.5 लाख और घायलों को दो लाख रुपये दिया जाएगा।
इनकम टैक्स रिटर्न में बदलाव
इस नये नियम के तहत अब अगर 1 सितंबर से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया जाता है तो 5000 रुपये की पेनाल्टी चुकानी पड़ेगी। 5 लाख रुपये की सालाना आय वालों को 1 हजार जुर्माना देना होगा। सालाना 5 लाख रुपये से ज्यादा आय वाले अगर 31 दिसंबर तक रिटर्न फाइल करते हैं तो उनको 5 हजार रुपये की पेनाल्टी देनी होगी। 1 जनवरी 2019 से रिटर्न फाइल करने पर 10 हजार रुपये जुर्माना देना होगा।
गाड़ियों के बीमा नियम में बदलाव
अगर आप सितंबर में महीने में दोपहिया या कोई चार पहिया गाड़ी खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो अब आपके लिये महंगा पड़ेगा क्योंकि अब आज से लागू हो रहे नये नियम के मुताबिक नई कार और दोपहिया वाहन खरीदने वालों के लिए क्रमश: 3 साल और 5 साल का अपफ्रंट इंश्योरेंस कवर लेना पड़ेगा। इससे गाड़ी की शुरुआती कीमत बढ़ जाएगी। हालांकि इससे हर साल बीमा के नवीनीकरण से छुट्टी मिल जाएगी।