Follow Us:

तीन हजार स्कूलों में शुरू होंगी प्री नर्सरी कक्षाएं, केंद्रीय मंत्रालय ने भेजी ग्रांट

डेस्क |

प्रदेश में शिक्षा के सतर को सुघारने  के लिए प्राइवेट स्कुलों की तरज पर अब प्राइमरी स्कूलों में नर्सरी क्लासेज शुरू होने बाली है।  जी हां हिमाचल प्रदेश में 3390 प्राइमरी स्कूलों में नर्सरी क्लासेज शुरू करने की तैयारी है। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय से इसके लिए प्रदेश को मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय मंत्रालय ही यहां नर्सरी क्लासेज के लिए आधारभूत ढांचा विकसित करने में मदद देगा, जबकि अध्यापकों की नियुक्तियां राज्य सरकार को करनी होगी।

मंगलवार को इसके कोर  ग्रुप की ट्रेनिंग का सिलसिला शुरू हुआ है, जिसमें खुद शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज मौजूद रहे। प्रदेश में जेबीटी अध्यापकों के साथ एनटीटी को नर्सरी क्लासेज चलाने की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। इनका प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो चुका है। पायलट आधार पर 70 अध्यापकों को इसके लिए ट्रेंड किया जा रहा है। ये अध्यापक फिर फील्ड में जाकर दूसरे अध्यापकों को ट्रेंड करेंगे, जिसके साथ ही सरकारी प्राइमरी स्कूलों में नर्सरी भी शुरू कर दी जाएगी।

एक सर्वे के अनुसार अभिभावक जिस स्कूल में अपने बच्चों को नर्सरी में दाखिला दिलाते हैं, बाद में उन्हीं स्कूलों में उनको रखा जाता है। क्योंकि सरकारी स्कूलों में नर्सरी क्लासेज का प्रावधान नहीं था, अलबत्ता इसी कारण से सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या कम होती जा रही है। बच्चे कॉन्वेंट या दूसरे सरकारी स्कूलों में अधिक संख्या में पढ़ रहे हैं। इस प्रचलन को समाप्त करने के लिए प्रदेश सरकार प्राइमरी स्कूलों में नर्सरी का प्रावधान करने जा रही है।

जानकारी के अनुसार अध्यापकों के साथ सहयोगी स्टाफ का प्रबंध भी प्रदेश सरकार को करना है, जिसके लिए शिक्षा विभाग सोच रहा है कि आंगनबाड़ी वर्करों या फिर मिड-डे मील वर्करों को भी जोड़ा जाए। वैसे भी स्कूलों में 25 बच्चों से कम संख्या होने पर मिड-डे मील वर्करों को बाहर कर दिया जाता है। यदि उनको नर्सरी में शामिल किया जाएगा तो उनका रोजगार भी बना रहेगा।

हालांकि इस पर अभी फैसला लिया जाना है, लेकिन शिक्षा विभाग के पास यह विकल्प मौजूद है। मंत्रालय से स्वीकृति मिलने के बाद सरकार जल्द से जल्द प्रदेश के 3390 प्राइमरी स्कूलों में इस व्यवस्था को अंजाम देने की तैयारी में है।

वहीं केंद्र सरकार से नर्सरी क्लासेज को चलाने  के लिए एक ढांचा भी तैयार करके देगा और इसके लिए हिमाचल सरकार को ग्रांट भी मिल गई है। और वहीं हिमाचल के सरकारी स्कुल में बच्चे  नर्सरी क्लास में दिखेंगे।