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प्रदेश में 45 प्रतिशत महिलाएं-बच्चे कुपोषण के शिकार, इन 5 जिलों में है कुपोषण का डंक

पी. चंद, शिमला |

हिमाचल प्रदेश के पांच जिलों में कुपोषण की समस्या सबसे अधिक है। इस समस्या को देख नीति आयोग भी चिंतित है।  वहीं नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद पॉल ने इस चिंतित जाहिर करते हुए कहा  कि हिमाचल की अवादी देखते हुए यह समस्या बहुत चिंतिता का विषय है।

डॉ. विनोद ने कहा देश में जहां नाटेपन की समस्या 38 प्रतिशत है, वहीं प्रदेश में यह 26 प्रतिशत आंकी गई है। देश की महिलाओं और बच्चों में कमजोरी की समस्या 20 प्रतिशत है, तो प्रदेश में यह 14 प्रतिशत है।

वहीं ये  समस्या  प्रदेश के पांच जिलों में कुपोषण की अधिक समस्या पाई गई है। इसमें शिमला, सोलन, ऊना, हमीरपुर और चंबा शामिल है। इन जिलों में 45 प्रतिशत महिलाएं और बच्चे कुपोषण के शिकार हैं।

डॉ. विनोद पॉल कहा कि प्रदेश के 18975 आंगनबाड़ी केंद्रों को हाइटैक किया जा रहा है। आंगनबाड़ी केंद्रों में पेपर वर्क को समाप्त करने के लिए आंगनाबाड़ी कार्यकताओं को स्मार्ट फोन उपलब्ध करवाए जाएंगे। पहले चरण में प्रदेश के पांच जिलों के आठ हजार आंगनबाड़ी केंद्रों को कवर किया जाएगा। इसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अब रजिस्टर पर नहीं, मोबाइल फोन पर सभी तरह का डाटा फीड करके विभाग को भेजेंगी।

आप को बता दे कि डॉ. विनोद पॉल  हिमाचल के कांगड़ा से है। डॉ. विनोद की शिक्षा भी हिमाचल से हुई है। वहीं आज ये हिमाचली बेटा नीति आयोग के बड़े ओहदे में है।

डॉ. पॉल जन स्‍वास्‍थ्‍य के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध नाम है। उन्‍होंने देश में राष्‍ट्रीय बाल स्‍वास्‍थ्‍य दिशा-निर्देशों और कार्यक्रमों को तैयार करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है। नीति आयोग के सदस्‍य बनने से पहले डॉ. पॉल एम्‍स, नई दिल्‍ली में बाल चिकित्‍सा विभाग के प्रमुख थे।

उन्‍हें विश्‍व स्‍तर पर सार्वभौमिक स्‍वास्‍थ्‍य कवरेज और स्‍वास्‍थ्‍य के लिए मानव संसाधन विषयों का विशेषज्ञ माना जाता है। यह सम्‍मान प्राप्‍त करने वाले वे पहले भारतीय हैं।

वहीं डॉ. विनोद पॉल को विश्‍वस्‍तरीय सम्‍मान और विश्‍व स्‍वास्‍थ्य संगठन ने प्रतिष्ठित इहसान डॉगरामाकी फैमि‍ली हेल्‍थ फाउंडेशन पुरस्‍कार प्रदान किया