पिछले साल शिमला में पीने के पानी में सीवरेज का पानी मिलने की वजह से शिमला में पीलिया फैल गया था और उसकी वजह से कई लोगों की बेशकीमती जान भी गई थी। इतना सब होने के बाद भी लगता है कि IPH विभाग ने सबक नहीं लिया है। चंबा जिला के राख गांव की बात करें तो वहां पर लोग आज भी गंदा पानी पीने के लिए मजबूर हो रहे हैं। गंदा पानी पीने की वजह से लोगों को तरह-तरह की बीमारियां हो रही है।
विभाग द्वारा लोगों के घरों के लिए पीने के पानी के लिए जो पाइप लगाई गई है वह गंदी नालियों में पड़ी हुई है और उन्हें पूरी तरह से जंग लग चुका है। जगह जगह से उन से पानी लीक हो रहा है और नालियों का गंदा पानी इन पाइपों की जरिए लोगों के घरों तक पहुंच रहा है और वही पानी लोग पीने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। जिसकी वजह से लोग बीमार भी हो रहे हैं।
ऐसा नहीं है कि लोगों ने इसके लिए विभाग को अवगत ना करवाया हो लेकिन विभाग इसकी पूरी तरह से अनदेखी कर रहा है और ऐसा लगता हे कि किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा हो । यही नहीं लोगों के घरों में पीने का पानी जिस सोर्स से आता है वहां पर भी खुले नाले से सीधे पाइपों के जरिए पानी लोगों के घर तक पहुंचाया जा रहा है वही मटमैला पानी लोग पीने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि उनके घरों के नलों में पानी बहुत गंदा आता है। एक तो जो सोर्स है वह खुला है और वहां से मिट्टी वाला पानी आता है जिसकी वजह से उन्हें अपने नलकों में छोटे-छोटे फिल्टर लगाने पढ़ रहे हैं। उसके बावजूद भी पानी इतना गंदा है कि उससे कई बीमारियां फैल रही हैं। उन्होंने बताया कि आईपीएच विभाग की पीने के पानी की नालियां गंदी सीवरेज की नालियों में ही पड़ी हुई है और उनको जंग लग चुका है जगह-जगह से लीक हुई है और यही गंदा पानी पीने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इस पानी की वजह से उन्हें कई बीमारियां हो रही है। पिछले साल भी राख गांव के चार-पांच बच्चों को पीलिया की शिकायत हुई थी। इसकी शिकायत कई बार विभाग से की लेकिन अभी तक इस समस्या का कोई हल नहीं हो पाया। उन्होंने विभाग से आग्रह किया है कि इन पानी की पाइपों को निकालकर साफ जगह लगाया जाए ताकि गांव को किसी तरह की बीमारी फैलने से बचाया जा सके।