दलित नेता केदार जिंदान का शव पुलिस की कड़ी सुरक्षा में शिमला से शिलाई पहुंचाया गया। इसके बाद केदार जिंदान के पैतृक गांव में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। बता दें कि शिलाई में शुक्रवार शाम को दलित नेता केदार सिंह जिंदान की स्कॉर्पियो से कुचलकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने घटनास्थल से कुछ दूरी पर स्कॉर्पियो को भी बरामद किया था।
मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार
पुलिस ने जिंदान की हत्या के आरोप में दो लोगों जयप्रकाश और गोपाल सिंह को को गिरफ्तार गिया है। दोनों ही बकरास के रहने वाले हैं। जय प्रकाश पंचायत का उपप्रधान भी है। धारा 302 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है। केदार सिंह जिंदान कई सालों से दलितों के मुद्दे उठाते रहे हैं। करीब एक साल पहले सतौन में भी जिंदान के साथ जमकर मार-पिटाई की गई थी। इसके अलावा भी कई जगहों पर केदार सिंह जिन्दान के साथ मार पिटाई की घटनाएं होती रही थी। वहीं, पुलिस की कार्रवाई पर मामले में लीपापोती करने के आरोप भी लग रहें।
परिजनों को सरकार देगी 20 लाख का मुआवजा
बीएसपी नेता केदार सिंह जिंदान के परिजनों को सरकार 20 लाख का मुआवजा देगी, साथ ही बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्च भी सरकार उठाएगी।जिंदान की पत्नी को नौकरी की बात भी सरकार ने की है। जिंदान के शव को दलित समर्थक और माकपा नेता देर रात आईजीएसमी से सीएम आवास ले जा रही थे। शव लेकर जब 12:45 पर रिज पर पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें आगे जाने से रोका। समर्थकों ने शव को रिज पर बने वर्षाशालिका में रखा था। रविवार सुबह शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज रिज पर पहुंचे उनके साथ डीआईजी एसपी भी मौजूद थे। लगभग एक घंटे तक माकपा नेता राकेश सिंघा और शिक्षा मंत्री के बीच वार्ता होती रही।
चश्मदीद का बयान
इस हत्याकांड के चश्मदीद का कहना है कि हमलावरों ने पूरी साजिश के तहत इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया है। चश्मदीद ने बताया कि जयप्रकाश और गोपाल सिंह ने केदार जिंदान पर लोहे की रोड से ताबड़तोड़ हमाला कर दिया। जब जिंदान बेसुध सड़क पर पड़ गए तो आरोपी जयप्रकाश ने उन पर स्कॉर्पियो गाड़ी चढ़ाकर कुचल दिया और इसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। चश्मदीद ने बताया कि हत्याकांड से तीन दिन पहले भी जिंदान को जान से मारने की धमकी आरोपियों ने दी थी।