चयन बोर्ड में हुए भर्ती फर्जीवाड़े मामले में पूर्व चेयरमैन IAS SM कटवाल की ग़िरफ्तारी हो गई है। हालांकि, कोर्ट ने इस मामले में सजा दी थी लेकिन वे पांचवीं मोहल्लत मिलने के बाद आत्मसमर्पण नहीं कर रहे थे। मगंलवार को विजिलेंस टीम ने उन्हें ऊना से ग़िरफ्तार किया है। अब कटवाल को जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाएगा।
क़ाबिलेग़ौर है कि दोषी कटवाल सुप्रीम कोर्ट से याचिका ख़ारिज होने के बाद से ग़ायब थे। जांच एंजेसिंयों ने भी जांच की लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। हालांकि, कटवाल के सरेंडर ने करने की वज़ह क्या थी ये अभी तक राज बना हुआ है। हमीरपुर कोर्ट ने बार-बार इन्हें सरेंडर करने का समय दिया लेकिन वह जानबूझ कर अंडरग्राउंड होकर कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करते रहे।
दो आरोपी पहले ही कर चुके सरेंडर
दो आरोपी उम्मीदवार ऊना के मदन गोपाल और चंबा के राकेश को आत्मसमर्पण के बाद जेल भेज दिया गया। इसी मामले में बोर्ड के तत्कालीन पूर्व मेंबर विद्यानाथ को भी सरेंडर के बाद जेल भेज दिया गया। सिर्फ कटवाल ही गिरफ्तारी से अबतक बचे हुए थे। कोर्ट से लगातार उन्हें वॉरंट जारी किए, लेकिन वह कोर्ट में सरेंडर करने नहीं कर रहे थे। कोर्ट ने इन्हें भगौड़ा भी घोषित कर दिया। तीन आरोपियों की तो सजा आधी पूरी होने को है, पर कटवाल का कोई सुराग नहीं लग रहा था।
क्या है मामला…?
चिटों पर भर्ती का मामला 2001-02 का है। साल 2004 में कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही इस मामले की जांच के आदेश दिए थे। सेशन कोर्ट हमीरपुर ने चार लोगों को दोषी करार देते हुए एक-एक साल की सजा उन्हें सुनाई थी। इसकी आगे अपील की गई, पर बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को ही बरकरार रखा और अपील को खारिज कर दिया था।