कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अरुण जेटली पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि जेटली जी ब्लॉग लिखते रहते हैं, लेकिन कभी विजय माल्या से मिलने के बारे में देश को नहीं बताया। गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा कि अरुण जेटली ने कहा कि विजय माल्या ने अनौपचारिक तरीके से अप्रोच किया था पर सवाल यह है कि उन्होंने अबतक क्यों छिपाया। उन्होंने कहा कि आज हम सबूत लाए हैं और वह सबूत है पीएल पुनिया, जिन्होंने माल्या-जेटली की मुलाकात देखी थी।
राजन ने दो दिन पहले मूह खोल के कॉंग्रेस की हालत पतली कर दी। अब डर के मारे कॉंग्रेस ने रिमोट कंट्रोल से आरोपी माल्या का बटन दबाया है। कांग्रेस को राजन पे भरोसा नही, अपने दोस्त आरोपी ।
इसके बाद पीएल पुनिया ने बताया कि बजट सत्र के बाद 1 मार्च 2016 को उन्होंने देखा था कि अरुण जेटली और माल्या खड़े होकर अंतरंग बातें कर रहे थे। पुनिया ने दावा किया कि 5-7 मिनट के बाद सेंट्रल हॉल में बेंच पर भी दोनों बात करते रहे। कांग्रेस की ओर से यह भी कहा गया कि माल्या उस सत्र में पहली बार जेटली से मिलने ही आए थे।
पुनिया ने कहा कि 3 तारीख को जब मीडिया में माल्या के विदेश भागने की खबर छपी तो मेरा रिएक्शन यही था कि 2 दिन पहले ही वह अरुण जेटली से तो मिले थे। कांग्रेस के नेता ने कहा, 'कई बार मैंने उस मुलाकात का जिक्र भी किया था। जेटली ढाई साल तक इस पर रहस्य बनाए रहे, कई बार डिबेट भी हुई पर उन्होंने कभी भी जिक्र नहीं किया कि माल्या से वह मिले थे।'
जेटली से सलाह लेकर गए माल्या
पुनिया ने जेटली को चुनौती देते हुए कहा कि सेंट्रल हॉल में सीसीटीवी लगे हैं, जो झूठ बोल रहा हो वह राजनीति छोड़ दे। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि इस मुलाकात से स्पष्ट है कि विजय माल्या देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली से अनुमति लेकर और सलाह लेकर देश से गए हैं।
राहुल के दो गंभीर सवाल
राहुल गांधी ने कहा कि पहला सवाल यह है कि वित्त मंत्री आरोपी से बात करते हैं लेकिन वित्त मंत्री ने न सीबीआई को बताया, न ईडी को और न पुलिस को। इतना ही नहीं, माल्या के लिए जो अरेस्ट नोटिस था उसे सूचना नोटिस में किसने बदला। दूसरा सवाल यह है कि जेटली को बताना चाहिए कि उन्होंने अपने से यह फैसला किया या ऊपर से आदेश मिला था।