विजिलेंस टीम ने पी. मित्रा को 7 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद छोड़ दिया है। आज पी. मित्रा भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो में पेश हुए थे, जहां उनसे पूछताछ चल रही है। वर्तमान में पी. मित्रा राज्य चुनाव आयुक्त हैं। उनपर आरोप है कि 2018 में उन्होंने धारा-118 का उल्लंघन कर गैर हिमाचलियों को हिमाचल में जमीन दी थी और उसके बदले काफी पैसे की मांग की थी।
इस संदर्भ राज्य चुनाव आयुक्त पार्थसारथी मित्रा को भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया था। नोटिस में कहा गया था कि वह वर्ष 2010 में धारा-118 के तहत बाहरी राज्यों के लोगों को जमीन देने में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामले में ब्यूरो में पेश होकर अपने बयान दर्ज करवाएं। पी. मित्रा उस दौरान प्रधान सचिव राजस्व के पद पर तैनात थे। ब्यूरो के इस कदम के बाद पी. मित्रा समेत करीब डेढ़ दर्जन पूर्व और वर्तमान अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती है।