प्रदेश में भारी बरसात के बाद अधिकांश सड़के अपने हालातों का रोना रो रही हैं। हर साल बरसात के मौसम में कई इलाकों में सड़कें उख़ड़ जाती है और बड़े-बड़े खड्डे सड़कों में नज़र आने लगते हैं। इस बार भी प्रदेश के कई छोटे-बड़े शहरों में सड़क टूटी-फूटी ही दिखाई पड़ीं, लेकिन कई जगहों पर नई सड़कें बनाई गई वे भी 2 महीने में ही उख़ड़ गई हैं।
जी हां, धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत कमलाह-गलू वाया भरतपुर-मढ़ी सड़क में जून माह में टारिंग बिछाई गई थी, लेकिन भारी बरसात के आगे ये टारिंग टिक नहीं पाई। सड़क पर कई जगहों में खड्डे पड़े हुए हैं और राहगीरों को कई परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है। जिला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह का आरोप है कि सड़क को रिपेयर में काफी समय से धांधली हो रही है और मंत्री अपने चेहतो ठेकेदारों को फायदे दे रहे हैं।
भूपेंद्र सिंह ने कहा कि इस सड़क पर यहां के विधायक और आईपीएच मंत्री हर सप्ताह गुजरते हैं। उन्होंने भी इसकी जांच अभी तक क्यों नहीं करवाई? इससे ठेकेदार, विभाग और नेताओं के गठजोड़ का ही सबूत नज़र आता है और ये सरकारी धन के दुरुपयोग का भी मामला प्रकाशित होता है। उन्होंनें बताया कि इस सड़क का निर्माण कार्य 2009 में मंडी के ठेकेदार लोकराज सैनी के पास था, जो मंत्री के करीबी माने जाते हैं। लेकिन उन्होंने काम पूरा नहीं किया औऱ गत साल इस सड़क के काम की रिटेंडरिंग हुई और अब दूसरे ठेकेदार को पहले से एक करोड़ ज्यादा लागत को बढ़ाकर ठेका दिया गया।
सड़क की कुल लागत 3 करोड़ 64 लाख रुपये है, लेकिन तीन महीनों में ही ये टारिंग उखड़ जाने से ठेकेदार द्वारा किये जा रहे काम की गुणवत्ता और विभाग की निगरानी में बरती गई लापरवाही सामने आई है। भूपेंद्र सिंह ने विभाग से इस काम की जांच करवाने की मांग की है और ठेकेदार की पैमेंट रोकने को कहा है।