जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान जेलों से जुड़ी क़रीब 14 खामियां सामने आई हैं। हालांकि, कुछ ख़ामियों को तो दूर कर दिया गया है लेकिन कुछ कमियों को दूर करने के लिए हाईकोर्ट ने विशेष कार्रवाई की है। हाईकोर्ट ने जेल महानिदेशक सहित संबंधित सत्र न्यायाधीशो औऱ जिलाधीशों को आदेश जारी करते हुए कहा कि वे सभी जेलों का निरीक्षण करें।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने इन अधिकारियों को 4 सप्ताह के भीतर संयुक्त इंस्पेक्शन तथा एक्शन टेकन रिपोर्ट शपथपत्र के माध्यम से दायर करने के आदेश भी दिए। जेलों के विस्तार, खाली पड़े पद, रोजमर्रा के खर्चों के लिए बजट और कैदियों की मूलभूत सुविधाओं से जुड़ी खामियां दूर करने पर कार्रवाई अभी भी सरकार के पास लंबित है। कोर्ट ने जेलों से जुड़ी 3 समस्याओं को गंभीरता से लेने की जरूरत बताते हुए उपरोक्त टीम को जेलों का संयुक्त निरीक्षण करने के आदेश दिए हैं।