शिमला शहर में चरमराई सफाई व्यवस्था पर अब लोगों का गुस्सा नगर निगम पर उतरना शुरू हो गया है। नगर निगम द्वारा शहर के पांच वार्डों में सफाई व्यवस्था को आउटसोर्स करने का विरोध किया है। साथ ही इन वार्डों में ठेकदार के कर्मचारियों द्वारा पांच से सात दिनों बाद भी कूड़ा नहीं उठाया जा रहा है। जिसको लेकर सभा ने महापौर ऑफिस का घेराव किया। नागरिक सभा के कार्यकर्ता ने बताया कि बीजेपी शासित नगर निगम के कार्यकाल में शिमला शहर कूड़ा-कूड़ा हो चुका है। शहर मेंकूड़े के ढेर लगे हैं। इसके कारण शहर में गंदगी फैल रही हैऔर बीमारियों का संकट पैदा हो रहा है।
कूड़ा गलियों और सड़कों में फैला हुआ है तथा बंदर और कुत्ते इस कूड़े के ढेर पर आतंक मचा रहे हैं। शहर में सफाई व्यवस्था पूरी तरह सेचरमराई हुई है। लेकिन नगर निगम सैहब कर्मचारियों की संख्या में बढौतरी करने के बजाय इनकी संख्या में में लगातार कटौती कर रहा है। जिसके चलते निगम ने शहर के पांच वार्डों को आउटसोर्स किया है । जिसमें ठेकेदार पांच पांच दिनों बाद भी कूड़ा नहीं उठा पा रहा है। जिससे वार्डों में रहने वाले लोगों को गंदगी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि नगर निगम शिमला एक सप्ताह के भीतर शहर की सफाई व्यस्था को दुरुस्त नहीं करती है तो सभा इस आन्दोलन को और उग्र करेगी।