प्रदेश में लगभग 60 घंटे से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। भारी बारिश से कई इलाकों में जल प्रलय जैसे हालात बन गए हैं। नदियों में जलस्तर बढ़ने से प्रदेश के तीन बांधों के गेट खोलने पड़े, जिससे रावी और ब्यास नदी का पानी रिहायशी इलाकों तक पहुंच गया। कुल्लू-मनाली और चंबा में चार पुल बह गए। मंडी के दवाड़ा और चंबा के तीसा में पानी हाईवे पर आने से वाहनों का रूट बदलना पड़ा। चम्बा के भरमौर में भू-स्खलन से 60 भेड़-बकरियां मलबे में जिंदा दफन हो गई हैं। मंडी और चम्बा जिला में 5 मकान और 3 गऊशाला क्षतिग्रस्त हुई हैं।
126 सड़कों पर थमी वाहनों की रफ्तार
भूस्खलन से एक नैशनल हाईवे समेत 126 सड़कों पर वाहनों की रफ्तार पूरी तरह थम गई है। इससे लगभग 100 बस रूट प्रभावित हुए हैं। बालू के समीप चम्बा-तीसा मुख्यमार्ग धंसने से सैकड़ों लोगों का मुख्यालय से संपर्क कट गया है। रोहतांग में एक, कोकसर में डेढ़, दारजा में ढाई, केलंग में दो, लोसर में आधा फीट और उदयपुर में 5 से 6 इंच बर्फबारी दर्ज की गई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल में एक जुलाई से 23 सितंबर तक 1,231 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। कुल्लू में शुक्रवार से लगातार हो रही बारिश के कारण नदी-नालों का जलस्तर बढ़ गया है।
शिमला जोन में सबसे ज्यादा 48 सड़कें बंद
प्रदेश भर में दो दिन से हो रही लगातार बारिश से सबसे ज्यादा 48 सड़कें शिमला जोन में अवरुद्ध हुई हैं। बिलासपुर जिला में शुक्रवार रात से हो रही लगातार बारिश से करीब एक दर्जन से अधिक सड़कों पर भूस्खलन हुआ है। जिला में करीब 14 सड़क मार्ग भूस्खलन के कारण बाधित हुए हैं। कांगड़ा जोन के डल्हौजी में 41 सड़कें, मंडी जोन में 36 सड़कें तथा एन.एच. शाहपुर जोन में 1 नैशनल हाईवे बंद पड़ा है।