यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन आज अपनी मांगों को लेकर आज देशव्यापी हड़ताल पर है। इस हड़ताल में सभी राष्ट्रीय बैंको के लगभग दस लाख कर्मी आज हड़ताल पर है। हिमाचल के भी लगभग 12 हज़ार से ज्यादा बैंक कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं। यूनियन सरकार से मांग कर रही है जिनमें जन विरोधी बैंकिंग सुधारों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।
यूनियन ने कहा कि पब्लिक सेक्टर बैंकों का निजीकरण बन्द किया जाए और बैंको के विलय की योजना पर पूर्ण रोक लगाई जाए। बड़े कारपोरेट डिफॉल्टरों द्वारा बैंको को खत्म करने की साजिश पर नकेल कसी जाए। और डिफाल्टर के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए।
बैंक लोन की वसूली होनी चाहिए न कि लोन को माफ किया जाना चाहिए। जीएसटी के नाम पर ग्राहक सेवा शुल्क न बढ़ाया जाए। पेंशन संबंधी मामले एवम पेंशन का रिविशन किया जाए। सभी कैडर की भर्ती बैंको में कई जाए। सरकार के निर्देश के मुताबिक बैंको में भी आश्रित नियुक्ति योजना लागू की जाए।
यूनियन का कहना है कि 70 फीसदी एनपीए बड़े घरानों के पास है जबकि 30 फीसदी लोन किसानों और आम जनता को दिया जाता है। गत दिनों सरकार ने सिर्फ 12 बड़े डिफाल्टर की सूची जारी की जबकि इनकी संख्या 50 है जिनके पास देश का अधिकतर पैसा है। यूनियन मांग कर रही है कि ऐसे डिफॉल्टरों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए।