48 हज़ार करोड़ के कर्ज में डूबे हिमाचल को बाहर निकालने के लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों राजनीतिक दलों ने वित्तीय आयोग का दरवाजा खटखटाया है। इसी कड़ी में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती औऱ सीएलपी मुकेश अग्निहोत्री 15वें वित्त आयोग से मिले। इस दौरान दोनों ही पार्टियों ने हिमाचल को कर्ज को चुकाने में विशेष पैकेज देने की बात प्रमुखता से उठाई और प्रदेश की बाकी जरूरतों पर ज्ञापन भी दिया।
बीजेपी ने कहा कि प्रदेश में यहां के 90 फीसदी लोग गांवों में रहते हैं और यहां आय के साधन भी न के बराबर हैं। प्रोपर साधन न होने के चलते बार-बार कर्ज लेना पड़ता है और इस समय प्रदेश के आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है। इसके साथ ही बरसात से हुए नुकसान के लिए भी बीजेपी ने ईयरली बजट बढ़ाने की बात कही है। वहीं, बीजेपी के ज्ञापन पर विपक्षी दल सीएलपी मुकेश अग्निहोत्री ने भी सहमति जताई और कर्जमुक्ति समेत कई मांगों पर बीजेपी का सहयोग किया।
ज्ञापन में की गई ये मांगे…
- भाखड़ा, पौंग डैम के लिए हिमाचल के लोगों ने दी कुर्बानी, लेकिन न तो उन्हें कोई फायदा मिला और इससे प्रदेश को भी कोई फायदा नहीं हो रहा। क्योंकि विद्युत परियोजनाएं हिस्सा नहीं देती।
- वायु सेना बढ़ाने हेतु आर्थिक सहायता
- रेलवे विस्तारीकरण हेतु आर्थिक सहयोग
- वन संपदा प्रबंधन को लेकर आर्थिक सहायता
- सड़क, पानी और बिजली जैसे लोककार्यों हेतु बजट
- संस्थागत विकास और सुधार हेतु बजट
- जिला परिषद और पंचायद समिती सदस्यों को विकास कार्यों के लिए धनराशि स्वीकृत करवाने हेतु बजट
- शहरी निकायों की आवश्कताओं की पूर्ति का बजट
- विधानसभा सचिवालय में आधारभूत ढांचा मजबूत करने को बजट प्रदान करें