किराया बढ़ोतरी के फैसले पर कांग्रेस ने जयराम सरकार पर निशाना साधा है। प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सु्क्खू ने कहा कि एक ओर प्रदेश में प्राकृतिक ने क़हर ढा रखा है, ऊपर से जयराम सरकार की मार भी जनता को पड़ने लगी है। सरकार ने कैबिनेट में किराये में बढ़ोतरी की है, जिससे सीधा-सीधा जनता की जेब पर बोझ पड़ेगा। प्राकृतिक की मार के बाद जयराम सरकार का ये फैसला एकमात्र जले में नमक छिड़कने जैसा है।
सुक्खू ने कहा कि सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए और किराया बढ़ाने के बजाए सरकार पेट्रो पदार्थों पर वैट घटाकर बस ऑपरेटरों को राहत देना चाहिए। हिमाचल की जनता को बीजेपी सरकार के अच्छे दिनों का पहला तोहफा है। पेट्रो पदार्थों की कीमतें सरकार वैट की दरें कम कर घटा सकती है। वहीं, केंद्र सरकार को पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए, जिससे जनता को महंगाई से राहत मिलेगी।
अध्यक्ष ने कहा कि जब तक डीजल-पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में नहीं लाया जाता, तब तक केंद्र सरकार इनकी कीमतों में बढ़ोतरी का नियंत्रण निजी कंपनियों के बजाए अपने हाथों में ले। कांग्रेस के 60 सालों के शासनकाल में रसोई गैस के सिलेंडर की कीमत 450 रुपये से ऊपर नहीं गई और बीजेपी की मोदी सरकार ने साढ़े चार साल के कार्यकाल में ही इसकी कीमत में साढ़े चार सौ रुपये बढ़ौतरी कर दी। महंगाई ने आम आदमी की रसोई का बजट पूरी तरह बिगाड़ दिया है। अच्छे दिनों का वादा कर सत्ता में आई बीजेपी लोगों को खून के आंसू रूला रही है।