दलित नेता केदार जिंदान की हत्या मामले में परिजन सरकार के आगे हाथ फैलाने को मजबूर हैं। लेकिन अब सरकार भी पीड़ित परिवार से किए गए वादे पर मुकरती नज़र आ रही है। इसी कड़ी में बुधवार को दलित शोषण मुक्ति मोर्चा के बैनर तले लोगों ने डीसी ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन किया। विरोध कर रहे लोगों को कहना है कि सरकार आरटीआई कार्यकर्ता एवं स्वर्गीय केदार के परिवार से किए गए वादे से मुंह फेर रही है।
लोगों ने कहा कि जिस तरह सिरमौर के अंदर कुंबली प्रथा को बढ़ावा दिया जा रहा है, उसके कारण कई दलित लोगों की बेरहमी से पिटाई की जा रही है। इन प्रथाओं का विरोध करने की सजा केदार जिंदान को मिली और उनकी हत्या कर दी गई। अगर सरकार जल्द से जल्द इस मामले को फास्ट ट्रेक कोर्ट तक नहीं ले जाती तब तक हम शांत नहीं बैठने वाले। रवि कुमार दलित ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जातीय हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं और सरकार मौन बैठी हुई है अगर जल्द से जल्द इन मामलों में सख्ती नहीं की गई और एट्रोसिटी एक्ट को प्रभावशाली ढंग से लागू नहीं किया गया, तो एक बड़ा आंदोलन होगा और प्रदेश सचिवालय का घेराव भी किया जाएगा।