कांगड़ा जिला के इंदौरा में खुलेआम गुंडागर्दी देखी गयी। यहां एक भीड़ की शक्ल में आए लोगों ने एक व्यक्ति के मकान को हथौड़ों से तोड़कर धराशायी कर दिया। मामला मंड क्षेत्र के बरोटा गांव का है।
जानकारी के मुताबिक यह मामला दो प्रेमी जोड़ों के शादी के पनपा रंजिश का है। बरोटा गांव के ही एक युवक ने अपने ही पड़ोस की एक बालिक लड़की से शादी की है। जिसके बाद यह बवाल मचा। लड़की के परिजनों ने लड़के घर पर धावा बोल दिया। इस दौरान भीड़ इतनी हिंसक थी कि लड़के के परिवार वालों ने किसी तरह छिपकर अपनी जान बचायी। लेकिन, इस दौरान खून के प्यासे लड़की के घर वालों ने लड़के के घर को ही तोड़फोड़ डाला।
कांगड़ा जिला के एस.पी. संतोष पटियाल ने बताया कि सुरेंद्र कुमार पुत्र राम प्रकाश निवासी गांव बरोटा तहसील इंदौरा ने प्राथमिकी दर्ज करवाते हुए बताया कि उसका बेटा दीपक कुमार 23 सितम्बर से लापता था । लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि उसने पड़ोसी किशन चंद की बेटी से शादी कर ली है। उसके बाद किशन चंद, बरोटा तथा ठाकुरद्वारा के स्थानीय लोगों ने दवाब डाला कि उनकी लड़की वापस कर दो वर्ना अंजाम बुरा होगा। हालांकि, लड़के के पिता ने उनकी तलाश करने की दलील दी। लेकिन, गुरुवार सुबह लगभग साढ़े 9 बजे उक्त लोग शिकायतकर्ता के घर पहुंचे और पूरा मकान तोड़ दिया।
शिकायतकर्ता ने स्वर्ण आभूषण व नकदी भी घर से लूट ले जाने का आरोप भीड़ पर लगाया है। वहीं पुलिस ने मामले के संदर्भ में अजय शर्मा, रामजी, लाडी,जुगल किशोर, छिंदी पंचायत मेंबर,मंदिर सिंह, किशन चंद, थुड़ु चक्की वाला, अश्वनी, रोणकी, कुक्कू, प्रेम चंद, रामजी महिला बरोटा, सुनील, सतपाल,मुख्तार सिंह, मनजीत कुमारी,स्वर्णो देवी, बब्बू पत्नी मिर्चू पर मुकद्दमा दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 147,149, 452, 427 व 506 के अंतर्गत मुकद्दमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। वहीं पीड़ित परिवार द्वारा ठाकुरद्वारा पुलिस चौकी प्रभारी सुरेंद्र राणा को देने के बावजूद भी पुलिस का मौका पर न पहुंचना पुलिस की कारवाई पर सवालिया निशान लगा रहा है।
सूचना देने वाले सतीश कुमार उर्फ रोमी ने बताया कि पुलिस चौकी प्रभारी ने कार्रवाई करने की अपेक्षा उसे यह जवाब दिया कि वह किसी काम से इंदौरा जा रहे हैं और हमें कोई शिकायत नहीं मिली है। परिजनों ने ठाकुरद्वारा पुलिस के प्रति रोष प्रकट करते हुए बताया कि स्वयं पुलिस को सूचना देने के बाद भी चौकी प्रभारी ने कोई एक्शन नहीं लिया। यदि पुलिस ने समय पर कार्रवाई की होती तो शायद उसका घर बच जाता।