हिमाचल में जानलेवा बीमारी स्क्रब टाइफस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। हिमाचल के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में स्क्रब टाइफस से दो ओर लोगों की जान चली गई है। दोनों लोग चौपाल के रहने वाले थे जिनको कुछ दिन पहले ही आईजीएमसी में भर्ती करवाया गया था दोनों की बीती रात मौत हो गई है।इसमे लायक राम 55 साल के है और भूपेंद्र 37 साल के है।
हिमाचल में स्क्रब टाइफस से अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि, इस साल आईजीएमसी में ही 1800 के करीब लोग स्क्रब टाइफस की जांच करवाने पहुंचे जिसमें से 300 के करीब लोगो में स्क्रब टाइफस के लक्षण पाए गए। IGMC के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. जनक राज ने बताया कि स्क्रब टायफस से इस साल करीब 14 लोगों की आईजीएमसी में मौत हुई है।
अस्पताल में करीब 1800 से ज्यादा मामले सामने आए
अस्पताल में करीब 1800 से ज्यादा मामले आए हैं, जिनमें से करीब 272 मामले पॉजिटिव हैं। उन्होंने बताया कि IGMC में स्क्रब टाइफस मरीजों के लिए मुफ्त में ही उपचार और दवाइयां दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह बीमारी एक विशेष बैक्टिरिया रिकेटेशिया के काटने से फैलती है। जो खेतों, झाड़ियों और घास में रहने वाले चूहों में पनपता है। फिर चमड़ी के काटने से लोगों को अपनी चपेट में लेती है। फिर बहुत तेज बुखार आता है। समय पर इलाज न मिल पाने की सूरत मे पीड़ित की मौत हो जाती है। 2016 में इससे सूबे में 37 मौतें हुई थी।