विधानसभा मानसून सत्र के पहले दिन ही जहं सदन में खूब हंगामा देखने को मिला, तो वहीं विधानसभा के बाहर सरकार की नीतियों से नाखुश आउटसोर्स कर्मियों ने भी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्य कर रहे आउटसोर्स कर्मियों ने विधानसभा का घेराव किया और प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। आउटसोर्स कर्मियों की मांग है कि कंपनियों के चंगुल से उन्हें बाहर निकाला जाए और नियमितीकरण की पॉलिसी बनाई जाए।
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष धीरज चौहान ने कहा कि वादे के मुताबिक सरकार को नीति बनानी थी लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ और सरकार इससे पीछे हट गई है। ऐसे में सरकार को कम से कम उनका वेतन तो बढ़ाना चाहिए। सरकार को उनके भविष्य को ध्यान में रखते हुए यह भी प्रावधान करना चाहिए कि उन्हें 58 वर्ष से पहले नहीं हटाया जाएगा। साथ ही उन्हें सरकारी कर्मियों की तरह सुविधाएं दी जाएं।
गौरतलब है कि इससे पहले हुई मंत्रिमंडल की बैठक में आउटसोर्स कर्मियों को लेकर यह फैसला लिया गया था कि उनके नियमितीकरण के लिए नीति बनाई जाएगी। लेकिन, अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ जिसके चलते कर्मियों ने विधानसभा का घेराव किया और अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रखा।