सुजानपुर के चबूतरा में बीजेपी ने शौर्य दिवस का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में हिमाचल के पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल ने जाबांज अफसरों और सैनिकों को सम्मानित किया। शौर्य दिवस कार्यक्रम में उपस्थित पूर्व सैनिकों और अन्य लोगों को सम्बोधित करते प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि देश के अपमान का बदला लेने के लिए वीर सैनिकों ने दुश्मनों को उन्ही के देश में घुस कर मारने का पराक्रम सर्जिकल स्ट्राइक कर के दिखाया था। उन्होंने सेना के शौर्य की जमकर सराहना की।
धूमल ने कहा कि देश सुरक्षित होगा तभी लोकतंत्र सुरक्षित है और राजनीति भी तभी हो पाएगी। देश की कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिन पर मतभेद नहीं होना चाहिए, जिन पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। सर्जिकल स्ट्राइक, कारगिल युद्ध, 1965 का युद्ध इत्यादि देश की अखण्डता के लिए किये गये थे। हालांकि, आगे खुद धूमल ने इतिहास के हवाले से पुरानी सरकारों पर हमला बोलने से भी खुद को नहीं रोका। उन्होंने चीन के साथ युद्ध में हुई हार और ताशकंद समझौते में पाकिस्तान की जीती गयी जमीन को वापस देने का मुद्दा भी उठाया।
धूमल ने कहा कि बर्फ़ में विशेष गर्म कपड़ों के बिना सेना को 1962 के युद्ध में भेजना, युद्ध क्षेत्र में जीती हुई भूमि को ताशकंद के टेबल पर हार जाना, युद्ध के दौरान यूएन के दबाव में आकर सीज़ फायर कर अपनी जमीन को छोड़ देने जैसे उदाहरण हमारे ही देश के कुछ कम इच्छाशक्ति वाले राजनेताओं ने दिखाई थी। जिनका खामियाजा देश आज तक भुगत रहा है।
इस दौरान धूमल ने कश्मीर समस्या के लिए पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को भी कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि अगर 1948 में पंडित नेहरू जनरल करियप्पा की बात मान लेते तो कश्मीर कोई समस्या नहीं होती।