लाहौल स्पीति और जम्मू कश्मीर की सीमा पर शिंकुला दर्रे पर मृत मान कर छोड़ा गया मजदूर आखिर जिंदा निकला। दरअसल जब उसके साथी केलांग से रेस्क्यू टीम लेकर उसका शव लेने वापिस दर्रा पर गए तो उस व्यक्ति की सांस चल रही थी।
रेस्क्यू टीम ने भी जल्द उसे रेस्क्यू कर केलांग अस्पताल पहुंचाया। जहां उपचार देने के बाद उसे कुल्लू अस्पताल के लिए रेफर किया गया। जहां उसकी हालत गम्भीर बनी हुई है।
बता दें कि भारी बर्फ के बीच 22 मजदूर पैदल ही कारगिल से दारचा गांव पहुंचे थे। शिकुला दर्रे में उनके साथ चल रहे 1 मजदूर की तबियत खराब हो गई और वो बेहोश होकर गिर पड़ा। साथ चल रहे अन्य लोगों ने उसे मृत मान लिया और उसे वही छोड़ कर वो दारचा गांव पहुंचे, लेकिन वो व्यक्ति करीब 12 घंटे बाद भी माइनस तापमान में जिंदा निकला।
नेपाली मजदूर शशि (55) का शव लाने शिंकुला दर्रे पर पहुंचे दो नेपाली दीपक खत्री और सोनम ये देखकर हैरान रह गए कि शशि की सांसें चल रही हैं। उन्होंने तुरंत उसे लाकर केलांग अस्पताल में भर्ती कराया गया, वहां से उसे कुल्लू रेफर कर दिया।