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जगदीश सिपहिया की सुधीर शर्मा को चुनौती, कहा- कांगड़ा लोकसभा से मैं भी हूं टिकट का दावेदार

नवनीत बत्ता, हमीरपुर |

कांगड़ा लोकसभा सीट से टिकट के दावेदारों में केसीसी बैंक के पूर्व चेयरमैन जगदीश सिपहिया ने अपना नाम शुमार कर दिया है। अब तक धर्मशाला से पूर्व विधायक सुधीर शर्मा ही खुद को कांग्रेस से टिकट के दावेदार के रूप में पेश कर रहे थे। लेकिन, अब जगदीश सिपहिया ने भी ताल ठोक दी है। सुधीर शर्मा की विधानसभा में वोटिंग परसेंटेज का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र में उनकी दावेदारी सबसे ज्यादा मजबूत है।

राजपूत वोटों को आधार बताते हुए सिपहिया ने कहा कि लोक-कल्याण का मसला हो या जातिगत समीकरण उनका पलड़ा हर मायने में भारी है। अगर उनको टिकट मिलता है तो कांगड़ा से कांग्रेस की जीत सौ फीसदी पक्की है।

सिपहिया ने कहा, '' कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 47 फीसदी राजपूत मतदाता हैं। लेकिन, सरकार किसी की भी रही हो इस वर्ग के साथ हमेशा अनदेखी की गयी है। इसके हटकर अगर ब्राह्मण समाज के लोगों की बात करें तो उनकी संख्या 15 फीसदी के आसपास है, जबकि ओबीसी के 27 फीसदी मतदाता हैं।"

सिपहिया का कहना है कि उन्हें चंबा से लेकर कांगड़ा के आखिरी छोर जयसिंहपुर तक लोग जानते हैं। उनकी कार्य क्षमता से काफी लोगों को सहूलियतें मिली हैं। ऐसे में वह किसी पहचान के मोहताज नहीं है। उनकी लोकप्रियता राजपूत समाज में तो है ही, इसके साथ ही बाकी जातियों में भी लोग काम करने की वजह से सराहना करते हैं।

सुधीर शर्मा और जगदीश सिपहिया

जगदीश सिपहिया और सुधीर शर्मा के पॉलिटिकल ग्राफ पर नजर डालें तो सिपहिया कांगड़ा में एक नया चेहरा होंगे। इससे पहेल धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र में पिछले साल ही सुधीर शर्मा के परफॉर्मेंस को जनता ने क़रीब से देखा। जिसमें लोकसभा क्षेत्र का एक हिस्सा उनके अधूरे वादों को अभी तक याद कर रहा है। जबकि, सिपहिया की चुनावी कार्यशैली अभी एक मिस्ट्री की तरह है। हालांकि, बोर्ड और निगम में उनके द्वारा खेली गयी धाकड़ पारियों से सभी वाक़िफ हैं।

दरअसल पिछले साल विधानसभा चुनाव में सुधीर शर्मा अपने प्रतिद्वंदी किशन कपूर से लगभग 3 हजार वोटों के अंतर से हारे थे। उस दौरान धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र में कुल 57161 वोट पड़े थे। जिसमें बीजेपी उम्मीदवार किशन कपूर को सबसे ज्यादा कुल 26050 वोट पड़े थे। जबकि, सुधीर शर्मा को 23053 वोट पड़े थे।

ऐसे में विधानसभा चुनाव के परफॉर्मेंस और जातिगत आंकड़ों के लिहाज से सिपहिया खुद को एक सशक्त उम्मीदवार के रूप में अपना दावा ठोक रहे हैं। हालांकि, टिकट का फैसला तो कांग्रेस हाईकमान करेगा। लेकिन, सिपहिया का कहना है कि वह अपने दावे की ठोस वजह आलाकमान के समक्ष पेश करेंगे।