मंडी के सुंदरनगर की दुर्गम पंचायत पौड़ा कोठी में 27 लाख 90 हजार रुपये के घोटाले का मामला सामने आया है। पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों और पूर्व विधायक और सीपीएस रहे सोहन लाल ठाकुर ने पंचायत पर फर्जी बिल बनाकर लाखों की धांधली का आरोप लगाया है। पूर्व विधायक सोहन लाल ठाकुर का आरोप है कि भ्रष्टाचार की शिकायत के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने बताया कि दुर्गम पंचायत पौड़ा कोठी में 14वें वित्त आयोग के तहत मंजूर धनराशि को लेकर अनेक अनियमितताएं सामने आई हैं। जिनके आधार पर पंचायत में करीब 27.90 लाख रुपये का घोटाला हुआ है। जिसमें विभिन्न विकास कार्यों को लेकर मस्टरोल तो पास कर दिए गए, लेकिन धरातल पर कोई काम ही नहीं हुआ. वहीं, इन कार्यों की अदायगी कागजों में दर्शा दी गई।
न रेट न वेट बिल हो गए पास
सोहन लाल ठाकुर ने बताया कि इस संबंध में मई 2018 में स्थानीय लोगों ने डीसी मंडी के पास शिकायत भी की थी, लेकिन कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। इसके बाद स्थानीय जनप्रतिनिधि के समक्ष भी ये मुद्दा उठाया गया। उन्होंने बताया कि जिन कामों के बिल पंचायत रिकॉर्ड में दर्शाए गए हैं, उनमें न तो कहीं कोई डेट दर्शाई गई और न ही बिल पर जीएसटी नंबर अंकित है। इसके अलावा किस चीज की अदायगी की गई है? इसका भी बिलों में कोई जिक्र नहीं है।
पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों ने बताया कि ये सारी सूचनाएं आरटीआई से जुटाई गई हैं। इस संबंध में उन्होंने अपील भी दायर की है। शिकायतकर्ता व समाजसेवी जगदीश कुमार का कहना है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत पंचायत को मिली 25 लाख रुपये की राशि को लेकर भी अनियमितताएं पाई गई हैं। जिसमें 15 लाख रुपये की सामग्री और 10 लाख रुपये लेबर पर खर्च किए जाने थे। पंचायत ने 15 लाख रुपये की राशि निकाल ली, लेकिन सामान नहीं आया।
नकली बिल बना कर हड़पी 14वें वित्त आयोग की धनराशि
शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि पंचायत में करीब 27 लाख 90 हजार का बड़ा घोटाला नकली बिल छाप कर किया गया है। जिसके माध्यम से बिल जारी हुआ है उसके पास कोई भी मशीन या जेसीबी नहीं है। वहीं, बिल और फॉर्म पर कोई भी रेट और वजन नहीं है और न ही बिल पर कोई जीएसटी या टीआईएन नंबर है। आरोप है कि 14वें वित आयोग के पैसे से लाखों रुपये का घोटाला किया गया।
पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि डीसी मंडी को 29 मई को पंचायत में हुए घोटाले की शिकायत की गई। जिसके बाद जांच हुई तो उसमें भी लीपापोथी की गई। उनका कहना है कि करीब एक महीने पहले डीसी को आरटीआई के सभी दस्तावेज सौंपे गए और उन्हें ब्लॉक भेजा गया। फिर भी मामले में अभी तक ब्लॉक अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
क्या कहते हैं अधिकारी
विकास खंड अधिकारी सुंदरनगर मोहन शर्मा का कहना है कि ये मामला गंभीर है। कई लोगों के बयान भी दर्ज किए गए हैं। इस संबंध में पहले चरण की जांच की गई है और आगामी कार्रवाई की जा रही है।