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प्रशासन की अनदेखी का शिकार सुंदरनगर सिविल अस्पताल, ठंड में फर्श पर रातें गुजार रहे तिमारदार

समाचार फर्स्ट डेस्क |

सुंदरनगर का नागरिक अस्पताल, जहां प्रतिदिन 600 से अधिक मरीजों की ओपीडी होती है। प्रशासन की अनदेखी का शिकार है। अस्पताल में सुविधाओं की कमी के चलते लोगों को दिक्कतों का सामना करना पर रहा है। हालत ये है कि मरीजों के साथ आए हुए तीमारदारों को अस्पताल की गैलरी, वार्ड के फर्श और अस्पताल कैंपस में खुले आसमान के नीचे ठंड में रात गुजारते हुए देखा जा सकता है।

नागरिक अस्पताल में मरीजों के साथ आने वाले परिजनों को रहने के लिए 2005 में वीरभद्र सरकार द्वारा ललित चॉक पर अस्पताल के पास नगर परिषद सुंदरनगर के रैन बसेरा भवन को बनाया गया था, लेकिन कुछ समय तक कार्य करने के बाद लोगों की सुविधा को अनदेखा कर सुंदरनगर रैन बसेरा विभिन्न सरकारी विभागों को जरूरत के अनुसार किराये पर दे दिया गया।

जिस कारण मरीज और तीमरदार अस्पताल में बेड की कमी के कारण फर्स पर सोने के लिए मजबूर हैं। बता दें कि15 जुलाई 2014 से 31 जुलाई 2017 तक रैन बसेरा में सुंदरनगर पुलिस स्टेशन को दे दिया गया था, लेकिन इन 3 सालों में पुलिस विभाग नगर परिषद सुंदरनगर को किराये का भुगतान करना ही भूल गया।

रैन बसेरा भवन का इस प्रकार विभिन्न विभागों को किराए पर देने से इसकी हालत दयनीय हो गई है। वर्तमान में इसका भवन रहने लायक नहीं बचा है। कई जगह बिजली की तारें गायब हैं तो कई जगह दरवाजे व खिड़कियां टूटी हुई हैं।

स्थानीय लोगों ने नगर परिषद सुंदरनगर और प्रदेश सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द भवन की मरम्मत करवाई जाए, जिससे अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले लोगों को असुविधा का सामना न करना पड़े। नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अशोक शर्मा ने बताया की रैन बसेरा नगर परिषद के पास वापस आ गया है और इसका नवीकरण का कार्य प्रगति पर है। इसका संचालन नगर परिषद द्वारा ही किया जाएगा। जल्दी ही अपनी पुरानी तर्ज पर रैन बसेरा कार्य करना शुरू कर देगा ताकि मरीजों के साथ तिमारदारों को इलाज करवाने में किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।