'मी टू' अभियान के तहत यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने कहा कि मेरे खिलाफ लगाए गए सभी आरोप झूठे और मनगढ़ंत हैं। उन्होंने कहा कि मैं इस मामले पर पहले जवाब नहीं दे सका, क्योंकि मैं आधिकारिक दौरे पर विदेश में था।
उन्होंने अपना बयान जारी करते हुए कहा कि वो अपने ऊपर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि साक्ष्य के बिना आरोप कुछ वर्गों के बीच एक वायरल बुखार बन गया है। जो कुछ भी मामला है, अब मैं लौट आया हूं, मेरे वकील इन आधारहीन आरोपों को कानूनी कार्रवाई के जरिए देखेंगे।
उन्होंने सवाल उठाया कि 'आम चुनाव से ठीक पहले इस तरह का तूफान क्यों उठा? क्या इसके पीछे कोई एजेंडा है? आप ही फैसला करें। इन झूठे, आधारहीन और वाहियात आरोपों ने मेरी प्रतिष्ठा और साख को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है।'
केंद्रीय मंत्री ने कहा, झूठ के पैर नहीं होते हैं, लेकिन उनमें एक जहर होता है, जिसे एक पागलपन में किसी पर भी मार दिया जाता है। यह बहुत ही चिंताजनक है। मैं उचित कानूनी कार्रवाई करूंगा।'
प्रिया रमानी के आरोप पर क्या बोले एमजे अकबर?
उन्होंने अपने बयान में कहा, 'प्रिया रमानी ने एक साल पहले एक पत्रिका में लेख के जरिए इस अभियान की शुरुआत की थी। हालांकि उन्होंने मेरा नाम तक नहीं लिया था, क्योंकि उन्हें पता था कि यह एक झूठी कहानी है। जब हाल ही में उनसे पूछा गया कि उन्होंने मेरा नाम क्यों नहीं लिया, तो उन्होंने ट्वीट के जरिए जवाब दिया- उनका नाम नहीं लिया, क्योंकि उन्होंने कुछ भी नहीं किया था।'
उन्होंने आगे कहा, 'अगर मैंने कुछ नहीं किया है तो यह कहानी क्या है, क्यों है? यहां कोई कहानी ही नहीं है। लेकिन उस चीज के बारे में अटकलों, संकेतों और आक्षेपों का एक ऐसा वातावरण बनाया गया, जो कभी हुई ही नहीं। इनमें कुछ तो ऐसी बातें हैं जो पूरी तरह सुनी-सुनाई हैं और कुछ बिल्कुल स्पष्ट हैं। मैंने कुछ नहीं किया है।'