बिलासपुर में एम्स के मुद्दे पर जेपी नड्डा का बयान के बाद जहां एक तरफ सियासत गरमा गई है, वहीं दूसरी ओर सामाजिक संगठन भी इस मुद्दे को लेकर एक मंच पर आ गए हैं। इन संगठनों ने राज्य और केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि अगर 30 अगस्त तक इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की तो आमरण अनशन करने से पीछे नहीं हटेंगे। संगठनों के पदाधिकारियों ने एम्स के मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
बिलासपुर जागो मंच के संयोजक और वरिष्ठ अधिवक्ता परवेश चंदेल ने कहा कि बिलासपुर में प्रस्तावित एम्स का शिलान्यास आचार संहिता लगने से पहले से किया जाए। अन्यथा आने वाले विस चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस दोनों को इसके कड़े परिणाम भुगतने होंगे। चंदेल ने कहा कि आरटीआई से ली गई जानकारी के मुताबिक बिलासपुर के उपायुक्त ने 681 बीघा नौ बिस्वा जमीन विभाग के नाम स्थानांतरित कर दी है और शेष भूमि का प्रकिया जारी है। ऐसी परिस्थिति में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा का यह बयान देना कि एम्स का स्थान निश्चित नहीं है, समझ से परे है।
इन सामाजिक मंचों ने मिलकर इस मुद्दे पर सारे जिले में गुरुवार यानी कल से जागरूकता अभियान चलाने और जन आंदोलन शुरू करने का ऐलान कर दिया है। इसी के चलते यहां पर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने बिलासपुर जागो नाम से एक मंच संगठित किया है। इसमें एटक, बिटिया फांउडेशन, अर्धनारेश्वर समाज, तिब्बती व्यापार मंडल, व्यासपुर रक्तदाता समिति, पूर्व सैनिक कल्याण समिति, लखनपुर समाज सुधार मंच व परमार्थम संस्था सहित अन्य सामाजिक संगठन शामिल हैं।