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नूरपुर बस हादसे के बाद बहरी हुई सरकार!, 6 महीने बाद भी नहीं मिला इंसाफ

मृत्युंजय पुरी |

कांगड़ा के नूरपुर स्कूल बस हादसे में 24 बच्चों सहित कुल 27 से 28 लोगों की मौत हुई थी। प्रदेश में ये पहला ऐसा बड़ा हादसा हुआ था, जिससे प्रदेश की जनता कई दिनों तक सदमें में रही है। यहां तक कि मीडिया की सुर्खियों में इस ख़बर को देखते हुए हाईकोर्ट ने भी इसपर कड़ा संज्ञान लेने को कहा था और सरकार ने भी मौका-ए-वारदात पर न्याय देने की बात कही थी। लेकिन हादसे के बाद धरातल में परिजनों को सुविधाएं मिल रही हैं, ये परिजन आए दिन बयां कर रहे हैं।

जी हां, नूरपुर स्कूल बस हादसे को 6 महीने के वक़्त हो चुका है, लेकिन अभी तक पीड़ित परिजन न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं। पहले जहां पीड़ित परिजन घुटनों के बल डीसी कांगड़ा के दरबार पहुंचे थे, वहीं अब अपने बच्चों को खोने वाली महिलाओं ने प्रदेश के सभी विधायकों को लेटर लिखकर जवाब मांगा है। लेटर में पीड़ित महिलाओं ने कहा कि आख़िर क्या कारण है कि उन्हें न्याय नहीं मिल रहा…??

परिजन लिखते हैं कि उन्हें आज भी रात को नींद नहीं आती औऱ वे अपने बच्चों के बारे में ही सोचते रहते हैं। ऐसे ही कुछ तमाम सवाल पीड़ितों ने विधायकों की पत्नियों से पूछे हैं। पीड़ित महिलाओं का विधायकों की पत्नियों को लेटर लिखना कहीं न कहीं उनके स्थानीय विधायक की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाता नज़र आ रहा है। पीड़ित सुरक्षा देवी कहती हैं कि मेरे 4 पोते-पोटियां थी जो कि इस हादसे में शिकार हुए हैं। डीसी को भी पत्र दिया था लेकिन उन्होंने कोई कदम नहीं उठाया।

इससे पहले भी परिजन कई दफा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय, सीएम जयराम ठाकुर को लेटर लिखकर न्याय की मांग कर चुके हैं। लेकिन, अभी तक इनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। यहां सवाल ये है कि क्या स्कूल प्रशासन सरकार पर मेहरबान है जो जांच सही टाइम पर नहीं की जा रही है। या फिर मौका-ए-वारदात पर बड़े-बड़े दावे करने वाली जयराम सरकार बहरी हो चुकी है…??? ये तो आप ही तय कर सकते हैं दोस्तों…!!