हमीरपुर में स्थानीय अस्पताल को बदलकर मेडिकल कॉलेज का नाम तो दे दिया गया, लेकिन यहां का ये अस्पताल कुल 25 स्टाफ नर्सों के हवाले हैं। जी हां, मेडिकल कॉलेज होने से पहले यहां 29 स्टाफ नर्सेज़ थीं जिसकी संख्या मेडिकल कॉलेज होने पर 125 के क़रीब हो गई। लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते ये संख्या घटकर 25 ही रह गई। हालांकि, यहां नर्सिस के 100 पद भरना भी तय हुआ है, लेकिन अभी तक स्थिति केवल राम भरोसे ही है।
ऐसे में अस्पताल प्रशासन को भी कई परेशानियां का सामना करना पड़ रहा है। पिछले क़रीब एक महीने के हिसाब लगाएं तो यहां 150 से अधिक बच्चों ने जन्म लिया है और हर एक नर्स एक साथ 3 डिलीवरी करवा रही हैं। ये खतरनाक तो है ही और साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं की भी पोल खोल रहा है। इसे लेकर बीते गुरुवार को एक प्रतिनिधि मंडल स्थानीय विधायक नरेंद्र ठाकुर से भी मिला है।
विधायक ने कहा कि उनके ध्यान में अभी ही ये मामला आया है। इसे लेकर वे जल्द स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार और मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे, ताकि जल्द इस समस्या का हल निकाला जा सके।