IIT मंडी के वैज्ञानिक डॉ. रजनीश गिरी ने जानलेवा जीका वायरस का तोड़ खोज निकाला है। उन्होंने शोधकर्ताओं के साथ मिलकर वायरस के प्रोटिन के खतरनाक हिस्सों की पहचान करने में बड़ी सफलता पाई है। उन्होंने एक एेसा कंप्यूटर प्रोग्राम बनाया है जिससे वैज्ञानिकों को वायरस की सरंचना को बारीकी से समझने और एंटीडॉट तैयार तैयार करने में मदद मिलेगी । जिससे इस वायरस संक्रमण का उपचार करने में सहायता मिलेगी।
डॉ. गिरी के इस शोध को अमेरिका के जर्नल मोलेक्यूलर बायोलॉजी ने प्रकाशित किया है। डॉ. गिरी ने भी इस शोध की पुष्टि करते हुए बताया कि उन्के इस रिसर्च में साउथ प्लोरिडा के व्लादिमीर और रिसर्च स्कॉलर पुषपेंद्र मणि उनके सहयोगी थे।
डॉ. गिरी ने बताया कि उन्के इस रिसर्च से वायरल प्रोटीन के विशेष हिस्से को समझने में मदद मिलेगी। इसकी वजह से ही वायरस और मरीज के बीच आपसी गतिविधियां होती हैं। डॉ. गिरी ने बतौर रेफरेंस यूनीप्रॉट नामक जीका वायरस प्रोटीन डाटाबेस से प्राप्त जानकारी का उपयोग करते हुए जीका के एक खास स्ट्रेन प्रोटीन सीक्वेंस की पुष्टि की है।