राजधानी शिमला के 2 हजार प्रॉपर्टी टैक्स डिफाल्टरों को नगर निगम ने संपत्ति कर का भुगतान नहीं करने को लेकर नोटिस जारी किए हैं। एमसी ने सैक्शन 124 के तहत यह नोटिस थमाए हैं इसके तहत 15 दिनों के भीतर लंबित राशि का भुगतान करने के आदेश दिए गए हैं, इसके बाद निगम डिफाल्टरों की संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर देगा। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि डिफाल्टर समय पर टैक्स जमा नहीं करते हैं तो निगम सख्त कार्रवाई अमल में लाएगा। मौजूदा समय में एम.सी. ने वित्त वर्ष 2018-19 से करीबन 13 करोड़ रुपए वसूल कर लिए हैं जबकि 2 हजार डिफाल्टरों से 3 करोड़ रुपए लेने शेष रह गए हैं।
25 बड़े डिफाल्टरों से की जा रही वसूली
मौजूदा समय में नगर निगम द्वारा शहर के 25 बड़े डिफाल्टरों से वसूली की जा रही है, जिसमें से निगम का सबसे बड़ा डिफाल्टर आईएसबीटी से निगम को एरियर सहित 3 करोड़ 55 लाख रुपए की वसूली करनी है इसके लिए निगम ने आईएसबीटी के किराएदारों से किराया अटैच किया था लेकिन मामला डिविजन कमीशन की कोर्ट में विचाराधीन है इससे किराया अटैचमैंट पर फिलहाल रोक लगा दी गई है, ऐसे में निगम को आईएसबीटी से टैक्स की वसूली नहीं हो रही है। नगर निगम को प्रॉपर्टी टैक्स से इस साल एरियर सहित करीबन 18.50 करोड़ रुपए की आय होना प्रस्तावित है, ऐसे में प्रशासन ने टैक्स रिकवरी प्रक्रिया को तेज कर दिया है।
डिफाल्टरों की सूची में सरकारी विभाग भी
नगर निगम की डिफाल्टरों की सूची में सरकारी विभाग भी शामिल हैं। जिन्होंने एम.सी को सालों से प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान नहीं किया है। वहीं कोर्ट ने भी निगम को डिफाल्टरों से जल्द रिकवरी करने के आदेश दे रखे हैं, ऐसे में निगम ने डिफाल्टरों को फाइनल नोटिस जारी कर दिए हैं जिसके तहत नोटिस मिलने के 15 दिनों के भीतर संपत्ति कर जमा करवाने का अल्टीमेटम दिया गया है।