सुप्रीम कोर्ट आज देशभर में पटाखों के निर्माण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाएगा। जस्टिस एके सीकरी और अशोक भूषण की पीठ ने 28 अगस्त को मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। वायु प्रदूषण से बिगड़ती स्थिति को नियंत्रित करने को लेकर पटाखों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि स्वास्थ्य का अधिकार और व्यापार या व्यवसाय चलाने के अधिकार के बीच सामंजस्य बनाने की जरूरत है। पटाखा निर्माण करने वालों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि दिवाली के दौरान केवल पटाखे प्रदूषण बढ़ाने की एकमात्र वजह नहीं है। यह प्रदूषण बढ़ाना वाला एक कारक है और इस आधार पर पूरे उद्योग को बंद नहीं किया जा सकता।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान वायु प्रदूषण की वजह से बच्चों में सांस की समस्याओं के बढ़ने को लेकर भी चिंता जताई थी और कहा था कि वह इस पर निर्णय करेगी कि क्या पटाखे फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा या मुनासिब नियंत्रण स्थापित किया जाएगा।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि याचिका पर फैसला देते समय पटाखा निर्माताओं के जीवनयापन के मौलिक अधिकार और देश के 1.3 अरब लोगों के स्वास्थ्य अधिकार समेत सभी पहलुओं पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। पिछले साल 9 अक्टूबर को दिवाली से पहले कोर्ट ने पटाखों की बिक्री पर अस्थायी प्रतिबंध लगाया था।