भारतीय रेलवे की और से तमिलनाडु की कोच फैक्टरी ने ट्रेन-18 नाम की एक ट्रेन का निर्माण किया है। इस रेल को चलाने के लिए इंजन की जरूरत नहीं होगी। इस ट्रेन को बुलेट ट्रेन के मॉडल पर तैयार किया गया है।
देश में रेलवे ने अत्याधुनिकता की और कदम बढ़ाते हुए एक बिना इंजन वाली ट्रेन का निर्माण किया है। यह ट्रेन पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत है। इस ट्रेन के निर्माण में लगभग 100 करोड़ रुपये का खर्च आया है और ट्रेन के निर्माण में 18 महीनों का समय लगा है।
अधिकारियों का कहना है कि इस ट्रेन को 140 से 220 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जा सकता है। ट्रेन में यात्रियों की सुविधा का भी विशेष ध्यान रखा गया है। ट्रेन में दिव्यांगों और बच्चों के लिए भी विशेष सुविधा दी गई है। इस ट्रेन के संचालन के बाद यात्रा में लगने वाले समय में भी कमी होगी।
बताया जा रहा है कि ट्रेन को पहले ट्रायल के लिए मुरादाबाद-बरेली और कोटा-सवाई माधोपुर पर चलाया जाएगा। ट्रेन को शताब्दी ट्रेनों के रूट पर चलाने की कोशिश है। ट्रायल में सफल होने के बाद ट्रेन-18 को भारतीय रेल में शामिल किया जायेगा और अगले साल तक इसे चलाने की उम्मीद है।