अपनी कई मांगों को लेकर आंगनवाड़ी वर्करों और हेल्परों का प्रदेशव्यापी आंदोलन जारी है। इसके तहत मंगलवार को आंगनवाड़ी वर्करों ने शिमला के डीसी ऑफिस शिमला के बाहर धरना प्रदर्शन दिया। प्रदर्शन के तहत ठियोग प्रोजेक्ट के नौ सर्कलों के लगभग 250 केंद्र बिलकुल बन्द हैं। इस दौरान 250 आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत 500 कर्मियों ने काम पूरी तरह बन्द रखा है। ठियोग प्रोजेक्ट कि अध्यक्ष आशा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्री नर्सरी को प्राथमिक स्कूलों में चलाने की अधिसूचना जारी करके आंगनबाड़ी कर्मियों के रोजगार पर हमला किया है। इसके खिलाफ आंगनबाड़ी कर्मी आंदोलन तेज़ करेंगे।
उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार लगातार जनविरोधी निर्णय ले रही है और आंगनबाड़ी वर्करों के मानदेय में 1500 रुपये व हेल्परों के मानदेय में 750 रुपये बढ़ोतरी ऊंट के मुंह में जीरा डालने जैसा है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी से ली जाने वाली 6 मुख्य सेवाओं को धीरे- धीरे खत्म करके उनके रोजगार पर हमला किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के मंसूबों को सफल नहीं होने दिया जाएगा।
आंगनबाड़ी यूनियन ने प्रदेश सरकार से मांग की कि प्री नर्सरी कक्षाएं आंगनबाड़ी केंद्रों में ही चलाई जाएं और आंगनबाड़ी वर्करों को ही यह जिम्मेदारी दी जाए। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि हरियाणा और केरल की तर्ज़ पर हिमाचल में आंगनबाड़ी कर्मियों को 12 हज़ार रुपये वेतन दिया जाए। उन्होंने मांग की कि मिनी आंगनबाड़ी वर्कर को भी आंगनबाड़ी कर्मी की तर्ज़ पर पूर्ण वेतन दिया जाए। उन्होंने चेताया है कि अगर आंगनबाड़ी कर्मियों की मांगें शीघ्र पूरी न की गईं तो आंदोलन तेज होगा।