प्रदेश सरकार ने महंगे दामों में होने वाले इलाज़ के लिए जनता को बड़ी मदद प्रदान की है। इस मदद के तहत यदि कोई मरीज़ गंभीर बीमारी से जूझ रहा है और इसका इलाज हिमाचल से बाहर होगा तो सरकार इसके लिए आर्थिक मदद करेगी। जरूरतमंद को मुख्यमंत्री रिलीफ फंड से मदद दी जाएगी।
हालांकि लाभार्थियों को हेल्प लेने के लिए आवश्यक दस्तावेजों को मुख्यमंत्री कार्यालय या स्वास्थ्य मंत्री शिमला में आवेदन करना होगा और इसके लिए कुछ गंभीर बीमारियों का ही चयन किया गया है। यानी कुछ गंभीर बीमारियों के चलते ही व्यक्ति आवेदन कर सकते हैं, जिनमें कार्डियक, कार्डियोथौरेसिक, जेनिटो यूरिनरी, न्यूरो सर्जरी, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, ट्रॉमा, रीढ़ की हड्डी, सर्जिकल गैस्ट्रो एंट्रोलॉजी, हिमोफीलिया, कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियां शामिल हैं।
इस बात की जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने बताया कि अब जरूरतमंद मरीज बड़ी बीमारी होने पर बाहरी राज्यों में स्थित पीजीआई चंडीगढ़, राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्याल, एम्स में अपना इलाज करवा सकेंगे। इसके अलावा आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत पंजीकृत अस्पतालों में भी अपना इलाज करवा सकेंगे। यदि किसी मरीज ने पहले उपचार करवा लिया हो तो वह भी जरूरी दस्तावेजों के साथ अस्पताल के बिलों की प्रतियां लगाकर आवेदन कर सकता है।
वैसे तो मुख्यमंत्री रिलीफ फंड लोगों की मदद के लिए ही होता है, लेकिन सरकार ने इस सुविधा के अंतर्गत एक स्पेशल आवेदन जारी कर दिया है। इसके तहत सरकार को जहां जरूरतमंद मरीजों के बारे में पता लग सकेगा, वहीं गंभीर बीमारियों से जूझ रहे ग़रीब तपके के लोगों को मदद भी मिल सकेगी। लिहाजा, इससे पहले समाचार फर्स्ट ने भी हमीरपुर और बिलासपुर में एक ग़रीब परिवार को मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद दिलाने में अहम भूमिका निभाई है, जिसमें मुख्य रूप से जरूरतमंद लोगों की बात सरकार तक पहुंचाना एक बड़ा रोल रहा था।