बर्फबारी के कारण शेष विश्व से कटे रहने वाले जनजातिय क्षेत्र लाहौल-स्पीति के लोगों को जून 2019 तक सभी प्रकार की आवश्यक सामग्री भेज दी गई है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने राशन, ईंधन, रसोई गैस, मिट्टी तेल आदि लाहौल-स्पीति तथा काजा के लोगों की आवश्यकता के अनुरूप भेज दिया है तथा जब तक सड़कें खुली हैं, और अधिक सामग्री भेजी जाएगी।
इस बारे में जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि जून 2019 तक पर्याप्त राशन, रसोई गैस, पैट्रोल, मिट्टी तेल, लकड़ी तथा अन्य आवश्यक सामग्री भेजी लाहौल-स्पिति को भेजी जा चुकी है ताकि सर्दियों में घाटी के लोगों को राशन और अन्य आवश्यक सामग्री की कमी न हो।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार घाटी के लोगों की आवश्यकताओं व समस्याओं के प्रति संवेदनशील है। इस वर्ष सितंबर माह में घाटी में हुए आसमयिक हिमपात तथा भारी वर्षा से फसलों तथा फलों को हुई भारी क्षति के दृष्टिगत सरकार ने अगले छः महीनों के लिए घाटी के सभी लोगों को बी.पी.एल. दरों पर राशन उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है। यही नहीं, राज्य सरकार इस जनजातीय जिले में चारे के परिवहन पर होने वाले व्यय का भी शत-प्रतिशत वहन स्वयं कर रही है।
प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार ने भारी वर्षा तथा बर्फबारी के कारण सेब की फसल को हुए नुकसान को देखते हुए घाटी के बागवानों से एचपीएमसी के माध्यम से 20 रुपये प्रति किलो की दर से फल खरीदा है।