शिमला का ऐतिहासिक टाउन हॉल एक प्रसिद्ध विरासत इमारत है, जिसका निर्माण सन 1908 में ब्रिटिश हुकूमत ने करवाया था। 110 साल पुराने इस टाउन हॉल का डिजाइन स्कॉटलैंड के आर्किटेक्ट जेम्स रेंजैम ने तैयार किया था, लेकिन रखरखाव के आभाव और शिमला नगर निगम की अनदेखी के चलते यह भवन जर्जर हो गया।
वर्तमान में इस हॉल का जीर्णोद्धार किया गया है, लेकिन इस ये हॉल किसे मिलेगा इसपर अभी सस्पेंस बना हुआ है। क्योंकि इसका फैसला हिमाचल हाइकोर्ट में विचाराधीन है। नगर निगम शिमला है जो दोबारा से इसमें अपना कब्जा अजमाना चाहता है, वे इसके लिए खूब हाथ पांव भी मार रहा है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि ये संपत्ति नगर निगम शिमला के नाम पर है।
उधर पर्यटन विभाग की नज़र भी इस भवन पर है क्योंकि पर्यटन विभाग ने ही इसके जीर्णोद्धार का कार्य करवाया है। लेकिन अंतिम फैसला उच्च न्यायालय को ही करना है कि इस भवन में क्या होना है..??
बताते चलें कि पिछले पांच साल तक इसका जीर्णोद्धार चलता रहा और अब जब ये बनकर तैयार हो गया है तो इसको लेकर शिमला के प्रबुद्ध लोग अलग-अलग राय दे रहे है। कुछ का कहना है कि इस ऐतिहासिक धरोहर में पुस्तकालय या म्यूजियम जैसी कोई चीज होनी चाहिए, ताकि आम जनता और पर्यटकों के लिए भी ये आकर्षण का केन्द्र हो। लेकिन देखना ये होगा कि इसपर किसका हक़ होगा और इसमें क्या सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।